12 घंटे तक विजिलेंस के सवालों का सही जवाब नहीं दे पाए सस्पेंडेड IAS रामविलास यादव, देर रात हुई गिरफ्तारी
Dehradun: आय से अधिक संपत्ति के मामले में IAS रामविलास यादव पर गिरफ्तार हो गए हैं। विजिलेंस टीम द्वारा देर रात तक पूछताछ करने के बाद भ्रष्टाचार के आरोप में तकरीबन दो बजे (SUSPENDED IAS RAMVILAS YADAV ARRESTED BY VIGILLANCE TEAM IN disproportionate asset cases) की उन्हें अरेस्ट किया गया। इससे पहले शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रामविलास यादव को सस्पेंड कर दिया था।
विजिलेंस टीम द्वारा 12 से घंटे से ज्यादा देर तक रामविलास यादव से पूछताछ की गई। सवालों का संतोषजनक जवाब न दे पाने के कारण देर रात उन्हें गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस टीम को इनके पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित सम्पत्तियों के बारे में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर आरोपी अधिकारी द्वारा संतोषजनक नहीं दिये गये। आरोपी अधिकारी अपने, दिलकश विहार रानीकोठी लखनऊ स्थित आवास, गुडम्बा में स्थित संचालित जनता विद्यालय, नोएडा में क्रय किये गये भूमि की रजिस्ट्री, गाजीपुर जिले में 10 बीघा जमीन, एफ0डी0/खातों में जमा धनराशि, पारिवारिक सदस्यों के बैक खातों में जमा धनराशि एवं पारिवारिक खर्चो के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत कर पाये।
अब तक की विवेचना में उपलब्ध अभिलेखों व आरोपी से पूछताछ पर चैक पीरियड में कुल आय 50,48,204/- रूपये तथा व्यय 3,12,37,756/- रू0 होना पाया गया, जो अनानुपातिक सम्पत्ति अर्जित की गयी है आरोपी अधिकारी को आय-व्यय की उपरोक्त रकम बतायी गयी तो कुछ भी स्पष्ट नही बता पाये। तमाम अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर उनके द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करना स्पष्ट होता है कि आरोपी अधिकारी के द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशो0अधि0 2018) की धारा 13(1)ख सपठित धारा 13(2) का जुर्म किया गया है, जुर्म के समबन्ध में आरोपी अधिकारी को अवगत कराते हुये दिनांक 23.06.2022 को समय 2ः15 ए0एम0 पर लम्बी पूछताछ के बाद सतर्कता अधिष्ठान द्वारा गिरफ्तार किया गया।
आईएएस रामविलास यादव 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले थे। इससे पहले रामविलास यादव को शासन ने निलबिंत कर दिया है। राज्यपाल ने रामविलास को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सहयोग न करने पर सस्पेंड करने का आदेश जारी किया ।
11 जून को विजिलेंस विभाग की टीम ने आईएएस रामविलास यादव के तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी।तब से रामविलास का कोई पता नहीं था। 21 जून को गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए रामविलास हाईकोर्ट गए थे। लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कहा कि पहले विजिलेंस के सवालों का सामना करो, जिसके बाद बुधवार 1 बजे से विजिलेंस की टीम ने रामविलास यादव से गहन पूछताछ की और संतोषजनक जवाब न मिलने पर देर रात अरेस्ट कर लिया।
रामविलास यादव के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने उत्तराखंड में 19 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया था। । आईएएस रामविलास पर लखनऊ और देहरादून में आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप था। बताया जा रहा है कि रामविलास यादव पर अपनी आय से 500% तक अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। शासन की अनुमति के बाद मुकदमा दर्ज होते ही विजिलेंस ने अपनी कार्रवाई शुरू की थी। आईएएस रामविलास यादव उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान पावरफुल माने जाते थे। 2019 में वह उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आ गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड को आईएएस रामविलास यादव से जुड़े कुछ दस्तावेज भेजे गए थे इसके बाद उत्तराखंड शासन भी इन मामलों को लेकर सक्रिय हो गया था।