पहाड़ में मिलने लगा हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ, उत्तरकाशी से गर्भवती महिला को चंद मिनटों में एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया

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RISHIKESH: ऋषिकेश एम्स में शुरू की गई हेली एंबुलेसं सेवा का लाभ पहाड़ के लोगों को मिलने लगा है। रववार को आपात स्थिति में उत्तरकाशी से एक गर्भवती महिला को हेली एंबुलेंस के जरिए एम्स लाया गया और उसका त्वरित उपचार शुरू हो सका।

29 अक्टूबर को पीएम मोदी ने एम्स ऋषिकेश में हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया था। मर्चुला बस हादसे में हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ न मिल पाने के कारण इस पर सवाल भी उठ रहे थे। लेकिन रविवार को उत्तरकाशी की एक प्रेग्नेंट महिला के लिए ये हेली एंबुलेंस सेवा वरदान साबित हुई। . उत्तरकाशी से एम्स ऋषिकेश की दूरी 160 किलोमीटर से ज्यादा है। सड़क मार्ग से गर्भवती महिला को लाना जोखिम भरा हो सकता था। लेकिन हेली एंबुलेंस सेवा के माध्यम से चंद मिनटों में महिला को एम्स अस्पताल लाया गया।

जिला प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश से गर्भवती महिला को हेली एंबुलेंस सेवा के माध्यम से सीमांत उत्तरकाशी जिले से एम्स ऋषिकेश लाने का आग्रह किया गया।. इसके बाद एम्स ऋषिकेश की हेली एंबुलेंस सेवा के माध्यम से गर्भवती महिला को एयर एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश लाकर भर्ती किया गया। आपात स्थिति में इस हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ उत्तराखंड के सभी 13 जिलों को मिलेगा। खासकर उत्तराखंड के 11 पहाड़ी जिलों के लिए हेली एंबुलेंस सेवा वरदान साबित हो सकती है।

सबसे खास बात ये है कि संजीवनी योजना के तहत शुरू हुई ये हेली एंबुलेंस सेवा पूरी तरह निशुल्क है। ऋषिकेश एम्स हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने वाला देश का पहला स्वास्थ्य संस्थान है।

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