भू कानून को समर्थन देने दूल्हा बनकर पहुंचा पूर्व सैनिक, भूख हड़ताल पर बैठे मोहित डिमरी को पुलिस ने जबरन उठाया
DEHRADUN: मूल निवास और सशक्त भू कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर 26 नवंबर से भू हड़ताल पर बैठे मोहित डिमरी को पुलिस ने जबरन उठा लिया है। मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी को शहीद स्मारक में प्रवेश कररने से रोका गया तो वो गेट के बाहर सड़क पर ही अनशन पर बैठ गए। इस बीच कचहरी परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा। प्रदर्शनकारियों की नोंकझोंक होती रही। पुलिस को चकमा देकर कुछ युवा शहीद स्मारक की छत पर चढ़ गए।
शाम होते होते पुलिस ने मोहित डिमरी औऱ उनके साथियों को जबरन उठा लिया और उन्हें किसी वाहन मे बैठाकर अज्ञात जगह पर ले गए। संघर्ष समिति ने आज से अपनी मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर भूख हड़ताल का ऐलान किया था। मोहित डिमरी का कहना है कि सरकार को भूमि कानून में हुए संशोधनों को तत्काल रद्द करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष समिति से जुड़े लोग आज शहीद स्मारक पर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे थे। लेकिन शहीद स्मारक के गेट पर ताला जड़ दिया गया है।
भू कानून के समर्थन में पहुंचा दूल्हा
इधर मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति को अपना समर्थन देने पौड़ी जनपद से पहुंचे रिटायर सैनिक सुरेश पयाल दूल्हे के गेटअप में नजर आए। उन्होंने राज्य में मूल निवास और भू कानून लागू किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और परंपराओं का संरक्षण तभी संभव हो पाएगा, जब राज्य में सशक्त भू कानून लागू होगा। पयाल का कहना है कि 50 साल पुराना उत्तराखंड अब नहीं रहा। अगर प्रदेशवासियों को पहले जैसा उत्तराखंड चाहिए, तो सबको मिलकर उत्तराखंड में मजबूत भू कानून लागू किए जाने की मांग उठानी चाहिए।