मानसून का कहर: भरभराकर नदी में समाई दुकानें, घर पर मलबा गिरने से मां-बेटी की मौत, गंगोत्री में आश्रम में घुसा मलबा

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UTTARKASHI/TEHRI/CHAMOLI: मानसूनी बारिश पहाड़ों में आफत बनकर बरस रही है। टिहरी के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में बाल गंगा और धर्मगंगा ने भारी तबाही मचाई है। क्षेत्र के तोली गांव में भूस्खलन से मां-बेटी की मलबे में दबने से मौत हो गई है। उधर उत्तरकाशी में भागीरथी और यमुना उफान पर हैं। उफनाती नदी ने गंगोत्री धाम में एक आश्रम को क्षति पहुंचाई है, एसडीआरएफ ने आश्रम में मौजूद साधु संतों को सुरक्षित मंदिर में पहुंचाया है। चमोली जिले में भी भारी बारिश से हाइवे समेत कई रास्ते बंद हैं।

जमींदोज हुआ घर, मां-बेटी की मौत

टिहरी जिले में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है। बूढ़ाकेदार क्षेत्र में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। घनसाली के तौली गांव में भारी बारिश के बाद देर रात एक घर पर मलबा गिर गया। जिससे महिला सरिता देवी और उसकी बेटी अंकिता (15) के दबने से मौत हो गई। मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने दोनों शवों को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उधर बूढ़ाकेदार क्षेत्र में बालगंगा नदी रौद्र रूप में बह रही है। वहीं भारी बारिश से तिनगढ़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी मलबे की चपेट में आ गया।  बूढ़ा केदार- कोट विशन मोटरमार्ग का काफी हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया है। यहां एक दुकान भरभराकर नदी में समा गई। विनयखाल जखाना मोटर मार्ग के बहने से दर्जनों गांवों का बाजारों से संपर्क कट गया है।

खतरे के निशान से ऊपर भागीरथी

उत्तरकाशी के श्री गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। जन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं को नदी के आस पास जाने से रोका गया है। आज प्रातः गंगोत्री धाम के निकट शिवानंद कुटीर आश्रम मलबे और तेज बहाव की चपेट में आ गया जिससे आश्रम का गेट पूरी तरह बह गया और आश्रम में मलबा पसर गया। पुलिस व SDRF जवानों द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये आश्रम के पीछे पहाड़ी से आश्रम में घुस कर 10 साधु संतो व मजदूरों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान गंगोत्री मन्दिर प्रांगण में पहुँचाया गया। पुलिस अनाउंसमेंट करके श्रद्धालुओं को नदी के तट पर जाने से रोक रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुनगर के पास लगातार पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित है। बीआरओ के द्वारा उक्त स्थान पर जेसीबी मशीन तैनात है। पत्थर रुकने पर मार्ग यातायात के लिए सुचारु किया जाएगा।

यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव जानकीचट्टी में यमुना नदी तटीय क्षेत्र में कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। आधा दर्जन पक्के होटल सहित डेढ़ दर्जन ढाबे, कच्चे खोके खतरे की जद में आ गए हैं। यमुना नदी से सड़क का और कटाव होने से जानकीचट्टी में यमुनोत्री की ओर दो दर्जन से अधिक छोटे बड़े वाहन फंसे हैं। दूसरे दिन भी सुरक्षा इंतजाम न होने पर लोगों में नाराजगी है।

चमोली में बादल फटा

चमोली में मूसलाधार बारिश से खासा नुकसान पहुंचा है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर नलगांव और पंतीगांव में बादल फटने से तबाही मच गई। नलगांव में बादल फटने से करीब 200 मीटर में मलबा हाईवे पर आ गया। पंतीगांव में बादल फटने से मलबा विद्युत विभाग के सब स्टेशन में घुस गया। भले ही बादल फटने से कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन नलगांव, आमसौड़, पंतीगांव, हरमनी सभी स्थानों पर हाईवे बंद हो गया। गोपेश्वर क्षेत्र में भूस्खलन से सुभाष नगर में दो गाड़ियां मलबे में दब गई

बदरीनाथ हाईवे पर बिरही चाड़े पर एक कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खाई की ओर लटक गई। वाहन चालक खाई में जा गिरा। वाहन चालक की पत्नी वाहन में ही सुरक्षित मिली। रात को ही स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ व एनडीआरएफ को दी, लेकिन अंधेरा होने के कारण रात को रेस्क्यू नहीं किया जा सका

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