पहाड़ के छात्रों के लिए मुसीबत बनी सरकारी व्यवस्था, संस्कृत के छात्रों को अटल स्कूलों में नहीं मिल रहा प्रवेश
ALMORA: एक तरफ सरकार द्वितीय राजभाषा संस्कृत को लेकर बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन दूसरी तरफ संस्कृत के छात्रों के लिए सरकारी व्यवस्था ही मुसीबत बन रही है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या के निर्वाचन क्षेत्र सोमेश्वर में दो बड़े इंटर कॉलेजों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय बनाया गया है। इसलिए यहां अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई हो रही है। लेकिन इसकी वजह से संस्कृत विषय वाले स्थानीय छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पा रहा है। संस्कृत के छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए 15 किलोमीटर दूर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है। इससे अभिभावक परेशान हैं।
दरअसल सोमेश्वर-लोद घाटी के ताकुला ब्लॉक के इंटर कॉलेज सोमेश्वर और इंटर कॉलेज सलोंज को अटल उत्कृष्ट विद्यालय बनाया गया है। अटल आदर्श विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है। आसपास के क्षेत्र में हाईस्कूल और जूनियर हाईस्कूल से पास करने वाले ऐसे सैकडों छात्र हैं, जो इन दोनों इंटर कॉलेजों में प्रवेश की राह देख रहे थे। इनमें से भी कई ऐसे हैं जिनका संस्कृत और गृहविज्ञान विषय रहा है। लेकिन चूंकि अटल स्कूलों में संस्कृत विषय के छात्रों को दाखिला नहीं दे सकते इसलिए सैकड़ों छात्रों के हक के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्हें यहा प्रवेश नहीं मिल रहा है।
इस व्यवस्था के चलते छात्र छात्राओं को पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर भी होना पड़ सकता है, क्योंकि 15 किलोमीटर के दायरे में इन दो इंटर कॉलेजों के अलावा कोई तीसरा इंटर कॉलेज नहीं है। अगर ये छात्र छात्राएं 15 किलोमीटर दूर पढ़ने जाते हैं तो इसमें काफी समय और आने जाने में पैसा खर्च हो रहा है। इससे अभिभावक काफी परेशान हैं। अभिभावकों और छात्रों का कहना है कि सरकार ने अटल आदर्श विद्यालयों के नाम पर तुगलकी फरमान जारी कर दिया। हाईस्कूल में संस्कृत तथा गृह विज्ञान विषयों से उत्तीर्ण हुए छात्रों को 11वीं में प्रवेश के लिए परेशान होना पड़ रहा है। अभिभावकों ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए उन्हें नजदीकी इंटर कॉलेज सलोंज अथवा सोमेश्वर में प्रवेश दिए जाने की मांग की है। तथा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में सीबीएससी के साथ हिंदी माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था करने की मांग की है। अभिभावकों का कहना है कि बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा ऐसे फरमानों से सार्थक नहीं हो सकता है।