प्रधानमंत्री Narendra Modi हमेशा से वेस्ट टु बेस्ट को अपनाने की बात करते हैं। टिहरी के एक युवा हितेश कुमाई ने इस मिश पर काम करना शुरू किया और खराब पड़ी लकड़ियों, गत्ते और अन्य चीजों से शानदार नक्काशी तैयार की है। हितेश ने पुरानी खराब वस्तुओं पर बद्रीनाथ -केदारनाथ समेत प्रदेश के विभिन्न प्रसिद्ध मंदिरों की आकृति उकेरी है।
इसके अलावा पहाड़ी जीवनशैली और संस्कृति को भी कैनवास पर उतारकर जीवंत किया है। पेशे से कंप्यूॉर इंजीनियर हितेश कहते हैं किकोरोना के कारण जब देशभर में लॉकडाउ लगा तो खाली समय में उन्हें कुछ क्रिएटिव करने की सूझी। उन्होंने कार्डबोर्ड पर अपने पुश्तैनी घर की आकृति उकेर डाली। यहां से हौसला मिला तो हितेश के मन में नए नए आइडिया आने लगे। इसके बाद हितेश ने कई सांस्कृतिक धरोहरों, मंदिरों औऱ पहाड़ की जीवनशैली को खराब पड़ी वस्तुओं पर उकेर डाला।
हितेश बताते हैं कि वेस्ट मटीरियल को बेस्ट बनाने का यह सबसे अच्छा तरीका है। मंदिरों की आकृति बनानी इतनी आसान भी नहीं है, उसमें डायमेंशन और रेश्यो को एडजस्ट करने के लिए खासी माथापच्ची करनी पड़ती है। हितेश कहते हैं कि वे पहाड़ के लिए कुछ करना चाहते हैं, युवाओं को हितेश का संदेश है कि हर किसी के भीतर कुछ न कुछ रचनात्मकता छिपी है, जरूरत है उसे पहचानने की औऱ सही तरीके से बाहर लाने की। इससे युवा नकारात्मक सोच को छोड़कर अफनी कला से बहुत आगे बढ़ सकते हैं।
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