एक तरफ आम जनता महंगाई और बेरोजगारी से बेहाल है, लेकिन हमारे मंत्री औऱ विधायक मलामाल हैं। साल 2018 में मंत्रियों औऱ विधायकों के वेतन भत्तों में 120% की बढ़ोतरी हुई। एक बार फिर से सेलरी बढञाने के लिए माननीयों ने विधानसभा अध्य़क्ष और मुख्यमंत्री सेसिफारिश की है। देखिए खास फैक्ट चेक।
संविधान के अनुच्छेद 106 और 195 में प्रावधान है कि MP/MLA अपने वेतन भत्ते खुद तय कर सकते हैं
मंत्रियों के वेतन-भत्ते
पहले अब
वेतन ₹45000 ₹90000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता ₹42000 ₹84000
चालक भत्ता ₹36000 ₹72000
आवास भत्ता ₹30000 ₹40000
दैनिक भत्ता ₹2000 ₹3000
सचिवालय भत्ता- ₹2000 ₹12000
अन्य सुविधाएं
पेट्रोल/डीजल रेल यात्रा के कूपन पर सालाना ₹3.25 लाख
इलाज पर जो भी खर्च होगा, उसे सरकार वहन करेगी
विधायकों के वेतन-भत्ते
पहले अब
वेतन ₹10000 ₹30000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता ₹60000 ₹150000
चालक भत्ता ₹3000 ₹12000
आवास भत्ता ₹30000 ₹40000
दैनिक भत्ता ₹2000 ₹3000
सचिवालय भत्ता ₹2000 ₹12000
अन्य सुविधाएं
पेट्रोल/डीजल रेल यात्रा के कूपन पर सालाना ₹3.25 लाख रुपए
इलाज पर जो भी खर्च होगा, उसे सरकार वहन करेगी
पूर्व विधायकों की पेंशन
यदि 5 साल का कार्यकाल हो तो
1 साल कार्यकाल हेतु ₹40000
बाकी 4 साल 2000 सालाना यानी ₹8000
मासिक पेंशन कुल ₹48000
पूर्व विधायकों को सुविधाएं
रेल कूपन- ₹28000 सालाना
पेट्रोल – ₹272000 सालाना
माननीयों को अन्य सुविधाएं
एम्स की संस्तुति पर विदेश में इलाज
इलाज का खर्च सरकार वहन करती है
प्लॉट/घर खरीदने पर ₹50 लाख का लोन
वाहन खरीदने के लिए ₹15 लाख का लोन
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