क्या है आपके विकासखंडों के पिछड़ेपन का कारण, कितना आगे है आपका ब्लॉक, देखिए खास रिपोर्ट

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विकास की दौड़ में आपका ब्लॉक कहां टिकता है, आपके ब्लॉक के पिछडेपन का क्या कारण है। आपके ब्लॉक का पिछड़ापन कैसे दूर होगा। इसी पर है आज देवभूमि डायलॉग का फैक्ट चेक।
आइये सबसे पहले जानते हैं कि उत्तराखंड के 13 जिलों में कितने ब्लॉक हैं। पौड़ी में सबसे ज्यादा 15 ब्लॉक हैं जबकि, अल्मोडा में 11 टिहरी में 9, चमोली में 9, नैनीताल में 8, पिथौरागढ़ में 8, ऊधमसिंह नगर में 7, उत्तरकाशी में 6, हरिद्वार में 6, देहरादून में 6, चंपावत में 4, बागेश्वर में 3, रुद्रप्रयाग में 3 ब्लॉक हैं। उत्तराखंड के 13 जिलों में 95 ब्लॉक हैं। इनमें से 13 ब्लॉक हरिद्वार और ऊधमसिंनगर में हैं। जो नीति आयोग के एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट कार्यक्रम में शामिल हैं।

दरअसल शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक गतिविधियों, पीने का पानी की, जीवन स्तर, गरीबी, पलायन आदि 19 मानदंडों के आधार पर साल 2020 में राज्य सरकार ने 11 जिलों के 82 ब्लॉक के पिछड़ेपन का आंकलन करते हुए एस्पिरेशनल ब्लॉक-2020 रिपौर्ट तैयार की। इन मानकों के आधार पर उत्तराखंड के 13 जिलों को 4 श्रेणियों में रखा गया है।

उच्च श्रेणी में ऊधमसिंहनगर, नैनीताल व हरिद्वार को रखा गया है।
मध्यम उच्च श्रेणी में देहरादून, टिहरी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग तथा बागेष्वर को वर्गीकृत किया गया है
मध्यम निम्न श्रेणी में पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी तथा अल्मोड़ा को रखा गया है।
निम्न श्रेणी में चंपावत और पौड़ी गढ़वाल को रखा गया है।

तो चलिए अब आपको बताते हैं कि इन मानकों पर कौन सा ब्लॉक आगे हैं, कौन सा पीछे है।
अगर प्रदेश की राजधानी की ही बात कर लें तो देहरादून जिले का डोईवाला ब्लॉक उच्च श्रेणी में है। रायपुर तथा सहसपुर मध्यम उच्च श्रेणी में, विकासनगर तथा कालसी मध्यम निम्न श्रेणी में तथा चकराता निम्न श्रेणी में हैं।
इसी तरह सभी जनपदों के विभिन्न ब्लॉक को इन चार श्रेणियों में रखा गया है।

अगर हम 19 पैरामीटर के कंपोजिट स्कोर पर नजर डालते हैं तो हम आफको स्पष्ट तौर पर बता सकते हैं, कि प्रदेश के 10 सबसे ज्यादा उन्नति करने वाले ब्लॉक कौन से हैं। औऱ 10 सबसे पिछड़े ब्लॉक कौन से हैं।
सबसे पहले नजर उन्नत ब्लॉक्स पर …
इनमें विण, दशोली, रायपुर, खिर्सू, थराली, पौड़ी, चंबा, भटवाड़ी, भैंसियाछाना और भीमताल शामिल हैं।

इसी तरह कंपोजिट स्कोर के आधार पर 10 सबसे पिछड़े ब्लॉक हैं…
चंपावत, भिकियासैंण, कालसी, मोरी, ओखलकांडा, द्वाराहाट, धौलादेवी, डुंडा, विकासनगर, और जाखणीधार।
अब बात एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट की…यानी हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के 13 ब्लॉक की तस्वीर आपके सामने रखते हैं।
इन 13 ब्लॉक में से काशीपुर, खानपुर, गदरपुर ब्लॉक जहां विकास में आगे हैं। जबकि भगवानपुर, बहादराबाद और नारसन सबसे पिछडे ब्लॉक हैं।

इसमें कोई दोराय नही कि उत्तराखंड ने 21 साल में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। मगर असामनता की खाई यहां भी भारी पड़ती दिख रही है। सबसे हैरान करने वाली बात जो सामने निकल कर आई है, वो ये है कि जहां इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है, वो ब्लॉक भी मानव विकास सूचकांक में पीछे दिख रहे हैं।

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