आज की ग्राउंड रिपोर्ट सोमेश्वर घाटी से । सोमेश्वर घाटी, कौसानी और रानीखेत जैसे टूरिस्ट प्लेस के बीचोंबीच बसा एक बेहद खूबसूरत कस्बा। इसे धान का कटोरा कहें तो गलत नहीं होगा। पानी की यहां कोई कमी नहीं है, इसलिए धान की खेती आजीविका के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। लेकिन केवल खेती ही तो जीवनयापन का आधार नहीं हो पाता। सोमेश्वर आने वाले विधानसभा चुनाव में एक हाई प्रोफाइल सीट बनेगी। राजनीतिक तौर पर सोमेश्वर से प्रदीप टम्टा, अजय टम्टा जैसे बड़े नेता निकले हैं। वर्तमान में रेखा आर्या सोमेश्वर से दूसरी बार विधायक बनी हैं। पहले कांग्रेस से थी, इस बार बीजेपी से हैं। अच्छी बात ये है कि रेखा आर्या राज्य सरकार में एकमात्र कैबिनेट मंत्री हैं। पहले राज्यमंत्री का ओहदा था, लेकिन बेहतर कामकाज के आधार पर उनका कद बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री का कर दिया गया। लेकिन क्या कैबिनेट मंत्री अपने क्षेत्र की तकदीर औऱ तस्वीर बदल पाई हैं?
इस सवाल को जानने देवभूमि डायलॉग सीधे ग्राउंड जीरो पर सोमेश्वर की मातृशक्ति के बीच पहुंचा। यहां के लोगों का आरोप है कि क्षेत्र से मंत्री होने के बावजूद हमारी स्थिति #बदहाल है। सोमेश्वर में #स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव सबसे बड़ा मुद्दा है। लोगों को छोटी सी जांच के लिए भी 40 किलोमीटर दूर #अल्मोड़ा जाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि मंत्री अपने क्षेत्र में हमारी सुध लेने आतीू नहीं। बाकी महंगाई और बेरोजगारी की समस्याओं से तो देशभर में लोगों को परेशानी हो रही है। महिलाओं का कहना है कि हम तो अब किसी को भी वोट नहीं देंगे। औऱ जो वोट मांगने आएगा उससे सारा हिसाब किताब लेंगे।
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