भर्ती घोटालों पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, सरकार से पूछा बार बार क्यों लीक हो रहे हैं पेपर
NAINITAL: राज्य में पेपर लीक की घटनाओं और भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की जनहित याचिका पर सुनवाई की और सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि उत्तराखंड में बार-बार पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? अदालत ने इस मामले में उत्तराखंड सरकार और डीजीपी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से 11 जुलाई से पहले जवाब पेश करने को कहा है.
उत्तराखंड में पेपर लीक का मामला सुर्खियों में है। भर्ती घोटालों की सीबीआ जांच की मांग को लेकर युवा सड़कों पर प्रदर्श कर रहे हैं। सरकार ने नकल विरोधी कानून भी लागू कर दिया है, बावजूद इसके युवा सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हैं। इसी मामले में विकेश सिंह नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सीबीआई समेत डीजीपी को नोटिस जारी किया है और सरकार को 11 जुलाई तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि प्रदेश में बार बार परीक्षाओं में घपला क्यों हो रहा है? अब मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 11 जुलाई की तिथि नियत की है
देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से छात्र यूकेपीएससी की ओर से आयोजित पेपर लीक होने के कारण सड़कों पर हैं। पुलिस इन बेरोजगारों युवाओं पर लाठीचार्ज कर रही है लेकिन पूरे मामले में सरकार चुप है। सरकार पेपर लीक कराने वालों के खिलाफ तो कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है लेकिन छात्रों को जेल भेज दिया गया। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।
याचिकाकर्ता का ये भी कहना है कि पुलिस और एसटीएफ पर उनका विश्वास नहीं है। सरकार की परीक्षा कराने वाली यूकेपीएससी ने वीडीओ भर्ती लेखपाल भर्ती और पटवारी भर्ती की परीक्षाएं कराई हैं तीनों परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं वहीं यूकेपीसीएस की परीक्षाओं में भी घपला हुआ है। जनहित याचिका में ये भी कहा है कि हिमाचल में कांस्टेबल भर्ती में धांधली हुई थी जिसकी सीबीआई जांच हुई तो उसके तार देहरादून और हरिद्वार तक जुड़े मिले। याचिकाकर्ता का कहना है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने भर्ती धांधली की जांच सीबीआई से कराई लेकिन उत्तराखंड सरकार इतने पेपर लीक होने के बाद भी इसकी जांच सीबीआई से नहीं करा रही है उन्होंने जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।