उत्तराखंड को यूं ही सैन्यधाम नहीं कहा जाता। यहां के करीब करीब हर गांव हर घर में एक फौजी देश की रक्षा के लिए जाता है। लेकिन यहां की महिलाएं भी पुरुषों से पूछे नहीं हैं। अभी कुछ माह पहले ही शहीद मेजर विभूति की पत्नी नितिका कौल ने सेना में जाकर देशसेवा की अद्भुत मिसाल पेश की थी। अब एक औऱ शहीद, दीपक नैनवाल की वीरवधू ज्योति नैनवाल ने उसी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया है। पति की शहादत के बाद अब वह देशसेवा के लिए सेना में अफसर बन गई हैं। आज चेन्नई स्थित ओटीए की पासिंग आउट परेड में ज्योति नैनवाल लेफ्टिनेंट बन गई।
देहरादून जिले के हर्रावाला निवासी नायक दीपक नैनवाल 10 अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में घायल हुए थे। तीन गोलियां लगीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। शरीर में धंसी गोलियों से एक माह तक लोहा लिया। परिवार वालों से हमेशा यही कहा, ‘चिंता मत करो, मामूली जख्म है, ठीक हो जाऊंगा।’ लेकिन, 20 मई 2018 को वह जिंदगी की जंग हार गए। मगर, शहीद की पत्नी ज्योति जानती थीं कि इससे आगे भी एक दुनिया है। ऐसे में उन्होंने अपने लिए एक नई राह चुनी और पति की ही तरह देश सेवा का संकल्प लिया।
ज्योति ने हार नहीं मानी और दो बच्चों की परवरिश के साथ साथ खुद सेना में जाने की तैयारी में जुट गई। आज चतेन्नई स्थित ओटीए में उनका ये सपना पूरा हुआ और उन्होंने लेप्टिनेंट की वर्दी पहनी। इस दौरान उनके दोनों बच्चे भी पीओपी में मौजूद रहे। ज्योति नैनवाल के बच्चों ने आर्मी बैंड की धुन पर कदम कदम बढ़ाए जा गीत गाया।
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