टिहरी झील में क्रूज बोट टेंडर का मामला, सतपाल महाराज की सफाई, बेटे से आवेदन वापस लेने को कहूंगा
GAIRSAIN/TEHRI: टिहरी झील में बोटिंग और क्रूज के टेंडर के नाम सामने आने पर बवाल बढ़ता जा रहा है। बोट और क्रूज के टेंडरों के लिए जिन 6 लोगों का चयन हुआ है उनमें कई नेताओं के करीबियों के नाम हैं। इसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बेटे सुयश रावत का भी नाम है। इस मामले परर सियासत गर्माई तो मंत्री सतपाल महाराज ने सफाई दी है। मंत्री ने कहा कि बेटे से आवेदन वापस लेने का आग्रह करूंगा।
बता दें कि टिहरी झील में क्रूज बोट और याट बोट संचालन के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिसमें मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र सुयश रावत ने भी बिना कोई कंपनी बनाये आवेदन किया है। 25 लोगों ने आवेदन किया था जिसमें से 6 नाम फाइनल किए गए हैं जिसमें सतपाल महाराज के बेटे सुयश रावत और भाजपा नेत्री सोना सजवाण के पति का नाम भी शामिल है। इस बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया है कि राज्य में जहां रोजगार की कमी के कारण पलायन हो रहा है, वहां स्थानीय निवासियों को वरीयता देने के बजाय एक मंत्री पुत्र को किस आधार पर वरीयता दी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि टिहरी झील में होने वाले कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय लोगों को दिए जाने की बात की गई थी। जबकि सुयश रावत का मूल निवास पौड़ी में है, और उन्होंने अपने आवेदन में देहरादून का वर्तमान पता दिया है। दावा किया जा रहा है कि आवेदन की तारीख को बढ़ाने का निर्णय विशेष रूप से सुयश रावत के लिए लिया गया था। पहले आवेदन की अंतिम तिथि 26 जुलाई 2024 थी, जिसे बढ़ाकर 17 अगस्त 2024 कर दिया गया।
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इस मामले से राजनैतिक गालियारों मे हलचल तेज़ हो गई और विपक्ष ने भी टेंडर पर सवाल उठाते हुए इसे चहेतों को फाय.दा पहुंचाने की कोशिश करार दिया। विवाद बढ़ने पर मंत्री सतपाल महाराज ने सफाई दी है। सतपाल महाराज के मुताबिक उनके बेटे ने इनवेस्टर समिट से प्रभावित होकर क्रूज संचालन के लिए आवेदन किया। वैसे तो टेंडर को पाने के लिए की गयी पूरी प्रक्रिया ठीक है लेकिन चूंकि वो विभागीय मंत्री हैं इसलिए अपने बेटे से आवेदन वापस लेने का आग्रह करेंगे।