सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन: नागदेवता का मंदिर बनाया गया, PMO के अफसर भी पहुंचे, इंदौर से पहुंची ऑगर मशीन 

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UTTARKASHI: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में 40 मजदूरों को बचाने के लिए तमाम प्रयास जारी हैं। 22 मीटर ड्रिलिंग करने के बाद दो दिन से हैवी ऑगर मशीन ठप है। ऐसे में आस्था का भी सहारा लिया जा रहा है। टनल के प्रवेश द्वार पर बौखनाग देवता का अस्थाई मंदिर बनाया गया है। उधर पीएमओ ने रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाई हुई है। पीएमओ में अंडर सेक्रेटरी मंगेश घिल्डियाल को घटनास्थल पर भेजा गया है। मुख्यमंत्री पुश्कर धामी भी लगातार रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। वहीं इंदौर से एक और बड़ी ऑगर मशीन घटनास्थल पर पहुंचा दी गई है।

नाग देवता का मंदिर बनाया गया

पहले साधारण ऑगर मशीन फेल हुई। फिर दिल्ली से अमेरिकन हैवी ऑगर मशीन मंगाई गई, लेकिन 22 मीटर तक पाइप डालने के बाद इसमें भी तकनीकी खराबी आ गई। पिछले 36 घंटों से ये मशीन ठप पड़ी है। ऐसे में जब सारे प्रयास फेल होते दिख रहे हैं तो केवल ईश्वर ही सहारा है। इसलिए शनिवार सुबह टनल के मुख्य गेट प्रवेश द्वार पर बौखनाग देवता का अस्थाई मंदिर बनाया गया है। पुजारी यहां फंसे हुए लोगों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो इस स्थान पर बौखनाग देवता का मंदिर था, लेकिन टनल बनाने के कारण उसे क्षति पहुंची है। ये वादा किया गया था कि यहां पर भव्य मंदिर बनाय जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्थानीय लोगों की मानें तो नाग देवता के प्रकोप के कारण टनल के भीतर भूस्खलन हुआ और इसीलिए बार बार रेस्क्यू ऑपरेशन में भी बाधाएं आ रही हैं। शुक्रवार सुबह भी पुजारी बुलाकर इस स्थान पर नाग देवता की पूजा की गई थी।

पीएमओ के अंडर सेक्रेटरी पहुंचे

प्रधानमंत्री कार्यालय इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशनपर नजर रख रहा है। इसके लिए पीएमओ में डिप्टी अंडर सेक्रेटरी मंगेश घिल्डियाल को घटनास्थल पर भेजा गया है। माना जा रहा है कि अब सेंट्रल एजेंसियां रेस्क्यू मिशन को पूरी तरह अपने हाथ मे लेकर काम को अंजाम देंगी।

सीएम धामी ने की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू पर पल पल अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पीएमओ के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल निकालने के प्रयास में जुटी है। सुरंग में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए देश और दुनिया में ईजाद की गई  आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। उम्मीद हैं कि जल्द इसमें सफलता मिल जायेगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ श्रमिकों के बचाव के लिए चल रहे रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जाएं। ग्राउंड जीरो पर जो भी रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है, अधिकारी एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर समय पर अंजाम तक पहुंचाएं। रेस्क्यू कार्य के लिए जिन संसाधनों की जरूरत हैं, उनको तत्काल एजेंसियों को मुहैया करा कर तेजी से कार्य कराएं। सरकार की प्राथमिकता में श्रमिकों को सुरक्षित और समय पर बाहर निकालना है।

इंदौर से पहुंची नई ऑगर मशीन

अमेरिकन ऑगर मशीन के भी फेल हो जाने के बाद ड्रिलिंग के लिए एक और ऑगर मशीन मंगाई गई है। इस मशीन को शुक्रवार रात देहरादून एयरपोर्ट पहुंचाया गया, जहां से इसे ट्रकों के जरिए उत्तरकाशी ले जाया गया। अब यह मशीन सिलक्यारा पहुंच चुकी है। इसके इंस्टॉलेशन में भी कुछ वक्त लग सकता है।  सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन अब इतना व्यापक हो चुका है कि विदेशी विशेषज्ञ भी इसमें हाथ बंटा रहे हैं. नार्वे से भी कुछ विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंचे हैं. इसके साथ ही रेल विकास निगम लिमिटेड की ऑस्ट्रेलियाई कंसल्टेंसी कंपनी के एक्सपर्ट भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं

 

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