
योग नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड, गैरसैंण से दुनिया में गया योग का संदेश, राष्ट्रपति, सीएम, जवानों, आमजनों ने किया योग
DEHRADUN: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देवभूमि उत्तराखंड से पूरे विश्व में योग का संदेश गया है। प्रदेश में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से लेकर सीमांत क्षेत्रों में योगधारा बह रही है। देहरादून में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने योगाभ्यास किया, तो गैरसैंण में सीएम धामी ने 8 देशों के राजदूतों के साथ योग करके योग का वैश्विक संदेश दिया। मातली से लेकर आदि कैलाश तक सेना और आईटीबीपी के जवानों ने योगाभ्यास से उत्तराखंड को योगभूमि बनाने का सफल प्रयास किया। इस दौरान उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां योग नीति लागू कर दी गई है।
योग नीति लागू करने वाला पहला राज्य
उत्तराखंड को देवभूमि के साथ योग और वैलनेस की वैश्विक राजधानी बनाए जाने को लेकर आयुष विभाग ने योग पॉलिसी तैयार की थी। इस पर 28 मई 2025 को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई थी। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेश की शीतकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश की पहली योग पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद उत्तराखंड राज्य में योग नीति लागू हो गई है।
राष्ट्रपति ने देहरादून में किया योग
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आय़ोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि योग’ का अर्थ है ‘जोड़ना’। योग का अभ्यास व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है और स्वस्थ बनाता है। उन्होंने कहा कि
गैरसैंण से योग का वैश्विक संदेश
उत्तराखंड में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की। साथ ही 8 देशों के राजदूतों और बड़ी संख्या में आमजनमानस सहित एक हजार से अधिक लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि योग भारत की अत्यंत प्राचीन और अमूल्य विरासत है, जिसने पीढ़ी दर पीढ़ी मानव मात्र को स्वस्थ और संतुलित जीवन का मार्ग दिखाया है। मुख्यमंत्री ने योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नियमित योगाभ्यास से न केवल शरीर मजबूत और निरोगी बनता है, बल्कि मन शांत होता है और आत्मा भी निर्मल होती है। भराडीसैंण में आयोजित यह भव्य कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की वैश्विक भावना के अनुरूप था, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों और स्थानीय जनता ने मिलकर योग के माध्यम से स्वास्थ्य, शांति और वैश्विक सौहार्द का संदेश दिया।
सेना, ITBP के जवानों ने किया योग
आईटीबीपी और सेना के जवानों ने भी योग दिवस के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। गौचर में आईटीबीपी की 8वीं वाहिनी ने मुख्यालय व अग्रिम चौकियों पर उत्साहपूर्वक योग दिवस मनाया। आईटीबीपी ने भराड़ीसैंण और केदारनाथ धाम में भी योग कार्यक्रमों में भाग लिया।
उधर आईटीबीपी की 36वीं वाहिनी ने 14,700 फीट की ऊंचाई पर आदिकैलाश (त्रिशूल क्षेत्र) में स्थानीय जनों व देशभर से आए श्रद्धालुओं के साथ 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। जबकि 12वीं वाहिनी ने मातली में मुख्यालय व अग्रिम चौकियों पर उत्साहपूर्वक योग दिवस मनाया।
रानीखेत स्थित कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर में सेना के जवानों, अफसरों, अग्निवीरों ने उत्साहपूर्वक योगाभ्यास में भाग लेकर स्वस्थ जीवन का संदेश दिया। रुड़की में बंगाल इंजीनियर्स मुख्यालय में भी योगाभ्यास कार्यक्रम में सैकड़ों जवानों ने योगाभ्यास किया।