यमकेश्वर के बैरागढ़, सेंदुड़ी में अवैध खनन से खोखली हो रही हेंवल नदी, सरकार को लगा करोड़ों का चूना
YAMKESHWAR: पहाड़ में अवैध खनन से जहां नदियों को खोखला किया जा रहा है, वही सरकारी खजाने को भी जमकर चूना लगाया जा रहा है। माफियाओं के मिलीभगत से किसी दूसरे के नाम पर मिले पट्टे का बेजां इस्तेमाल किया जा रहा है। मामला यमकेश्वर क्षेत्र का है। (Illegal mining in Henwal tiver of Yamkeshwar area) आरोप है कि यहां हेंवल नदी में चुगान के पट्टे का किसी अन्य व्यक्ति ने दुरुपयोग किया और अवैध खनन से सरकार को करोड़ों का चूना लगाया।
जानकारी के अनुसार मार्च 2022 में यमकेश्वर तहसील के बैरागढ़, सेंदुड़ी क्षेत्र में विनोद कुमार पुत्र स्वर्गीय मुरलीधर के नाम 0.378 हेक्टेयर निजी भूमि पर भू समतलीकरण और चुगान का पट्टा आवंटित हुआ। पट्टे की शर्तों में स्पष्ट है कि अनुसार खनिज निकासी मानव श्रम के जरिए ही होगी। यानी कहीं भी मशीन या जेसीबी लगाने का आदेश नहीं हैं। लेकिन असली खेल यहीं से शुरू होता है।
यमकेश्वर क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि विधायक का बेटा यहां उक्त पट्टे पर अवैध खनन करवा रहा है। चुगान पट्टा केवल निजी भूमि के लिए आवंटित हुआ था, लेकिन भू माफियाओं से सांठगांठ के चलते यहां सरकारी जमीनों पर दिन रात जेसीबी मशीनें चल रही हैं। जानकारी के अनुसार बैरागढ़ क्षेत्र में सरकारी कैसरीन भूमि इंडिया गदेरा नाले पर लगभग 500 मीटर लंबाई, 70 मीटर चौड़ाई , 2 मीटर गहराई, पर जेसीबी मशीन से, बड़े पैमाने पर खनन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन रात जेसीबी की गर्जन से उन्हें काफी परेशानी हो रही है। यहां से निकली मिट्टी, पत्थर औऱ उपखनिज बिजनी क्रेशर प्लांट में धड़ल्ले से सप्लाई किया जा रहा है।
अवैध खनन से सरकारी खजाने को भी चूना लगाया जा रहा है। चुगान पट्टे के आधार पर मात्र 13 -14 लाख रुपए का सरकारी चालान लगाया गया। लेकिन अनुमान है कि 25 करोड़ तक की खनन सामग्री का अवैध खनन यहां से किया गया है। उत्तराखंड क्रांति दल ने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे अवैध खनन परिक्षेत्र का सरकारी नाप जोख मूल्यांकन करवा कर, रिकवरी करवाई जानी चाहिए। और अवैध खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।