चंपावत: बनबसा जलभराव में फंसे लोगों का SDRF ने किया रेस्क्यू, नदी के वेग से बेलखेत का झूला पुल बहा, ग्रामीणों का संपर्क कटा
CHAMPAWAT: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में जिलों में दो दिन से लगातार हो रही बारिश से जन जीवन अस्तव्यस्त है। चंपावत जिले में मानसून ने खतरे का ट्रेलर दिखाया है। यहां भारी बारिश के कारण क्वारला नदी पर बना झूला पुल बह गय जिससे 5 हजार लोगों का संपर्क कट गया है। जबकि तराई वाले बनबसा क्षेत्र में भीषण जलभराव से सैकड़ों लोगों की जान आफत में फंस गई। देर रात से ही एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी है। बनबसा क्षेत्र में अत्यधिक जलभराव के बीच 100 से अधिक महिला, पुरुष व बच्चों को सकुशल रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया गया है।
रविवार से हो रही भारी बारिश से चंपावत जिले के जगपुरा और बनबसा में बाढ़ जैसे हालात हैं। जलभराव से दर्जनो परिवार पानी के बीच फंस गए। पानी लोगों के घरों के भीतर घुस गया। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और जलभराव में फंसे लोगों का रेस्क्यू करके उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मुश्किल हालात में भी एसडीआरएफ कर्मियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन को अंधेरे में ही अंजाम दिया। प्रभावित परिवारों को रैन बसेरा में ठहराया गया है।
झूला पुल बहने से 5 हजार लोगों का संपर्क कटा
चंपावत में क्वारला नदी भी बारिश के कारण उफान पर है। नजदी के प्रचंड वेग से नदी पर बना बेलखेत का झूला पुल बह गया है। पुल बहने से करीब क्षेत्र की पांच हजार आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय और राज्य के अन्य हिस्सों से कट गया है। लगातार हो रही बारिश से जगह जगह भूस्खलन भी हो रहा है। बजौन गांव को मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क भूस्खलन से धंस गई है। बनबसा क्षेत्र में देवीपुरा पंतर फार्म में बारिश के कारण तीन परिवारों को खतरा हो गया है। चंपावत जिले में लगातार हो रही बारिश से लोहाघाट, चंपावत, बनबसा और टनकपुर में बिजली गुल है। देर रात लोहाघाट में 33केवी लाइन में फॉल्ट आने से बिजली आपूर्ति ठप है।