जोशीमठ भू धंसाव: दौरे पर धामी, CM के सामने छलक उठी प्रभावितों की आंखें, सीएम ने दिया सुरक्षित पुनर्वास का भरोसा
Joshimath: मुख्यमंत्री शनिवार को जोशीमठ में भू धंसाव से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने ग्राउंड जीरो पर सीएम ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान सीएम के सामने ही पीड़ित लोग फूट फूटकर रोने लगे। मुख्यमंत्री ने उन्हें सांत्वना दी औऱ कहा कि उनके पुनर्वास का उचित इंतजाम किया जाएगा। इसके बाद सीएम ने आईटीबीपी कैंपस में अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक ली। सीएम ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई निरीक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री जब प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर रह रहे थे तो अपना हाल बताते हुए प्रभावितों की आंखें भर आई। कई महिलाओं ने सीएम को घेर लिया, जिन्हें संभालना भी मुश्किल हो गया। महिलाएं चीख-चीख कर सीएम के सामने अपना घर बचाने के लिए गुहार लगाती रही। महिलाओं का कहना था कि हमारी आंखों के सामने हमारी दुनिया उजड़ रही है और हम सब तमाशा देख रहे हैं। कहा हम रात को सो भी नहीं पा रहे हैं, अपने घरों में रहने से भी डर लगता है।
सीएम ने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि सरकार हर मुश्किल में उनके साथ खड़ी है। सीएम ने कहा कि जोशीमठ हमारा पौराणिक शहर है। उत्तराखंड सरकार इस मामले पर अलर्ट है। हमारा मकसद सबको बचाना है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए वैल्पिक जगह तलाशी जा रहा है। प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना उनकी पहली प्रथामिकता है।
किराए पर रहने के लिए फंड जारी
जोशीमठ के नगरपालिका क्षेत्र में भू धंसाव से प्रभावित ऐसे परिवार जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण अधिवासन योग्य नहीं है अथवा ऐसे परिवार जो बेघर हो गये हैं, परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किराये के मकान में अस्थायी रूप से विस्थापित करने के लिए ₹4000 प्रति परिवार की दर से 6 माह के किराये मद में मुख्यमंत्री राहत कोष से अग्रिम के रूप में व ₹1.00 करोड़ (एक करोड मात्र) स्वीकृत कर जिलाधिकारी चमोली के निवर्तन रखा गया है।
इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से संकटग्रस्त परिवारों को बचाने और राहत देने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। आठ सदस्यीय विशेषज्ञ दल आपदा प्रबंधन सचिव के नेतृत्व में दो दिन से जोशीमठ में है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
जोशीमठ भूधंसाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है। मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज ने शनिवार को अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। उक्त जानकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के मीडिया प्रभारी डाक्टर शैलेन्द्र योगी उर्फ योगीराज सरकार ने दी है। बता दें कि जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव के कारण 800 से ज्यादा भवनों में दरारें आ चुकी हैं। जिसे लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड पर है।