जोशीमठ त्रासदी: अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनेगा, स्थायी पुनर्वास के लिए गौचर में तलाशेंगे जमीन 

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DEHRADUN: जोशीमठ भू धंसाव पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक जारी है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सेक्टर औऱ जोनल वार राहत बचाव कार्य और पुनर्वास की व्यवस्था बनाने को निर्देशित किया है। सीएम ने कहा है कि डेंजर जोन को तत्काल खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट किया जाए।

मुख्यमंत्री धामी सचिवालय में मुख्य सचिव,  सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक,  आयुक्त गढवाल मण्डल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली समेत तमाम बड़ेड अफसरों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढवाल मण्डल और जिलाधिकारी से जोशीमठ त्रासदी पर विस्तृत रिपोर्ट भी ली है।

जोशीमठ क्षेत्र में भू धंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर आदि सुरक्षित स्थानों पर जगह तलाशी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने शुक्रवार सांय हाई लेवल बैठक में ये निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि अस्थाई पुर्नवास फौरन सुनिश्चित किया जाय।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में जोशीमठ भू धंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था एवं भूधंसाव के कारणों आदि के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ की अध्यतन स्थित की सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी चमोली से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। सीएम ने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा एवं बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे समय में लोगों की मदद करना हम सबका दायित्व एवं जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति में लोगों में भरोसा बनाये रखने की भी बात कही। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पुनर्वास तथा उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने में भी तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावितों को बेहतर से बेहतर क्या मदद कर सकते हैं इस पर ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में सबसे महत्वपूर्ण होता है लोगों में सरकार और प्रशासन का भरोसा बनाये रखना। इसमें धरातल पर काम करने वाले प्रशासनिक मशीनरी को संवेदनशीलता से काम करना होगा तथा स्थिति पर निगरानी बनाए रखनी होगी। इसके लिये हमें तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य करना होगा। तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्यवाही ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिये नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है।

मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट की सुविधा रहे, इसकी भी तैयारी हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशी जाए। कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू हो। सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों। जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर सम्पर्क में रहें। सम्भावित डेंजर जोन भी चिन्हित कर लिये जाएं। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है। इस संबंध में सैटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं। सभी विभाग टीम भावना से काम करे तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे।

गौरतलब है कि भू धंसाव की चपेट में आने से जोशीमठ के करीब 600 घरों पर दरारें आ गई हैं। 100 से ज्याद घऱ तो कभी भी गिर सकते हैं। दरारों से पानी का रिसाव होने से स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। सड़कों, मठों मंदिरों पर भी भूधंसाव का खतरा बना हुआ है। इससे पहले स्थानीय लोग कई दिनो से मामले को उठा रहे हैं लेकिन प्रशासन की नींद देर से जागी। प्रशासन ने राहत औऱ पुनर्वासकार्य शुरू कर दिया है। लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया जा रहा है, लेकिन करीब 25 हजार की प्रभावित आबादी को राहत देने के लिए ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। गुरुवार औऱ शुक्रवार को वैज्ञानिकों औऱ उच्चअधिकारियो की टीम ने प्रभावित घरों का दौरा किया और लोगों से फीडबैक लिया है।

लोगों में आक्रोश

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जोशीमठ  में बांद बनाने औऱ सड़को के लिए सुरंगें खोदी जा रही हैं जिससे जोशीमठ पर खतरा मंडराया है।ष शुक्रवार को जब एक्सपर्ट की टीम एनटीपीसी के टनल का जायजा लेनवे पहुंची तो आक्रोशित महिलाओं ने रास्ता रोक दिया। गुस्साई महिलाओं ने कहा कि उन्हें विकास चाहिए है, लेकिन यह विनाश उन्हें स्वीकार्य नहीं।

सीएम का दौरा कल

मुख्यमंत्री पुस्कर धामी कल जोशीमठ का दौरा करेंगे। धामी डेढ़ घंटे प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेकर अधिकारियों से चर्चा करेंगे और लोगों का फीडबैक लेंगे।

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