रुद्रप्रयाग: #सुनिए नेताजी का कारवां #रुद्रप्रयाग #विधानसभा के मयाली गांव में पहुंचा। यहां #मातृशक्ति से #राजनीतिक माहौल पर खुलकर चर्चा हुई। #पहाड़ की आम समस्याओं पर मातृशक्ति का दर्द छलक उठा। महिलाओं का साफ कहना था कि गांव में #सड़क निर्माण के तमाम वादे किए गए लेकिन कई साल से सड़क नहीं बन पाई है। इसलिए अब गांव की महिलाओं ने ठान लिया है, जो सड़क लाएगा उसे ही वोट देने का विचार होगा, वरना वोट नहीं देंगे। पानी की समस्या से भी गांव को जूझना पड़ रहा है।
रुद्रप्रयाग जिले में दो ही वीधानसभा क्षेत्र हैं। एक बाबा केदारनाथ की धऱती केदारनाथ विधानसभा औऱ दूसरी रुद्रप्रयाग विधानसभा> 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के भरत सिंह चौधरी ने यहां अपनी प्रतिद्वंदी लक्ष्मी राणा को साढ़े 14 हजार वोटों से हराया था। रुद्रप्रयाग विधायक आम लोगों के बीच मिलनसार तो हैं, लेकिन विकास के मामले में सभी पीएम मोदी की ओर ताकते हैं। यहां के एक खूबसूरत गांव मयाली में जब हम पहुंचे तो गांव की महिलाओं ने ये सारा दर्द बयां किया। महिलाओं का कहना है कि उन्होंने ग्राम प्रधान से लेकर विधायक के जरिए मुख्यमंत्रियों तक सड़क बनवाने की मांग रखी है। लेकिन किसी ने भी उकी नहीं सुनी। सड़क न होने के कारण बाजार से सामान लाने ले जाने में ग्रामीणों को बहुत परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। ग्रामीणों कासफ कहना है, रोड़ नहीं तो वोट नहीं।
पानी की स्समया से भी गांव के लोगों को जूझना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने घर घर नल तो लगवा दिए, लेकिन पानी नहीं है। हफ्ते में एख दो दिन पानी आ भी जाता है तो पर्याप्त नहीं होता। हालांकि गांव के लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी जरूर सुनेंगे और एक दिन उनके गांव में सड़क जरूर पहुंचेगी। इसलिए ग्रामीणों की पीएम मोदी से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति गहरी नाराजगी है।
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