चमोली: सुनिए नेताजी का कारवां पहुंचा बद्रीनाथ विधानसभा के रैणी गांव में। 7 फऱवरी 2021 को यहां रौंठी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर ऋषिगंगा नदी में आ गया था। जिसके बाद ऋषिगंगा ने विकराल रूप धारण कर लिया और रैणी व आसपास के क्षेत्र में भीषण तबाही मचाई। आपदा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। (disaster hit raini village awaiting for rehabilitation) गौरा देवी के रैणी गांव आज रो रहा है। यहां घरों पर दरारें हैं, यहां बर्बादी का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। लोग अभी भी पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं। तबाही की कगार पर खड़े रैणी गांव की पीड़ा सुनिए नेताजी।
आपदा में रैणी गांव को भी भीषण नुकसान पहुंचा था। घरों में कीचड़ भर गया था। दीवारें टूट गई थी। खेत खलिहाल आंगन आपदा की भेंट चढ़ गए थे। रैणी गांव में महिला मंगल दल की अध्यक्षा बीना देवी कहती हैं कि आपदा के बाद सरकारी नुमाइंदों ने उस समय वादे तो बहुत किए लेकिन हम जैसे तैसे अपने को संभाल पाए। लोगों का कहना है कि थोड़ा बहुत राशन पानी तो मिला लेकिन अभी तक कोई मुआवजा तो मिला लेकिन पुनर्वास के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
रैणी के ग्राम प्रधान का कहना है कि आपदा से रैणी गांव की नींव खोखली हो चुकी है। यहां किसी भी समय बड़ी आपदा का अंदेशा बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जल्द से जल्द यहां से सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जाए। लेकिन ताज्जुब ये है कि विधायक कहते हैं कि विस्थापन के लिए ग्रामीण स्वयं जमीन ढूंढें। ग्राम प्रधान का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर वो हाईकोर्ट तक गए थे, लेकिन वहा से भी उन्हें न्याय नहीं मिला। ग्रामीण अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सोच रहे हैं।
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