उत्तराखंड की  कर्नल गीता राणा ने रचा इतिहास,  लद्दाख में तैनात होने वाली पहली फील्ड वर्कशॉप कमांडर बनीं

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DEHRADUN: भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड मकैनिकल इंजीनियर्स की कर्नल गीता राणा ने इतिहास रच दिया है। बता दें कि वह पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चे पर फील्ड वर्कशॉप को कमांड करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। कर्नल गीता राणा उत्तराखंड के चमोली जिले की रहने वाली हैं। गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय सेना ने महिला अधिकारियों को भी कमांडर की भूमिका में लेने की मंजूरी दी है। जिसके बाद कर्नल गीता यह उपलब्धि पाने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। कर्नल गीता चीन सीम पर तैनात स्वतंत्र फील्ड वर्कशॉप को कमांड करेंगी।

सेना ने हाल ही में महिला सैन्य अधिकारियों के लिए 108 भर्तियां निकाली हैं, जिनमें वह कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स, ऑर्डिनेंस, इलेक्ट्रोनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स समेत अन्य शाखाओं की स्वतंत्र यूनिट को कमांड कर सकेंगी। आने वाले दिनों में अन्य महिला सैन्य अधिकारियों को भी ऐसी नियुक्ति दी जा सकती हैं। जो महिला अधिकारी बोर्ड्स से मंजूरी ले सकेंगी, उन्हें भी कमांड की भूमिका दी जा सकती है और भविष्य में उन्हें और उच्च पदों पर नियुक्तियां दी जा सकती हैं।

सेना ने मित्र देशों के साथ संयुक्त अभ्यास और शांति मिशनों में महिला सैनिकों की तैनाती भी शुरू कर दी है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे महिला अधिकारियों और सैनिकों को हर संभव अवसर देने के पक्ष में हैं और आर्टिलरी रेजीमेंट में उनके प्रवेश को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। कर्नल गीता राणा ने उत्तराखंड की गौरवशाली सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाया है। गीता राणा चमोली के नारायणबगड़ निवासी सिद्धार्थ नेगी की पत्नी हैं। कर्नल गीता महार रेजिमेंट के रिटायर्ड जेसीओ की बेटी हैं। कर्नल गीता ने साल 2000 में चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकादमी से सेना में कमीशन लिया था। इसके बाद आर्मी की इलेक्ट्रिकल  मैकेनिकल इंजीनियरिंग ट्रेनिंग फैसेलिटी में भी ट्रेनिंग दे चुकी हैं। अपने 23 साल के सैन्य करियर में कर्नल गीता सिक्किम और जम्मू कश्मीर में भी तैनात रह चुकी हैं।

 

 

 

 

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