उत्तर भारत जीआई टैगिंग महोत्सव में उत्तराखंड की ऐपण कला, च्यूरा और बेरीनाग चाय की धूम, उत्तराखंड को मिला पहला स्थान

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National Desk:  उत्तर भारत के राज्यों के बीच भौगोलिक संकेतांक (जीआई टैग) महोत्सव में उत्तराखंड ने पहला स्थान हासिल किया है। महोत्सव में उत्तराखंड की ओर से जीआई पंजीकृत सात उत्पादों की प्रदर्शित लगाई गई थी। जीआई उत्पादों में बेरीनाग चाय, ऐपण और च्यूरा उत्पाद आकर्षण का केंद्र रहे।

देवभूमि डायलॉग उत्तराखंड के ऐसे अद्भुत उत्पादों को कई कार्यक्रमों के जरिए दर्शकों के सामने ला चुका है। च्यूरा हो , चाय हो या ऐपण के विविध रूप हों, देवभूमि डायलॉग ने कई कार्यक्रमों के जरिए इन हस्तकलाओं और उत्पादों के बारे में लोगों को रू ब रू करवाया है। अब प्रदेश सरकार ने इन उत्पादों को प्रोत्साहन देने की ओर ध्यान दिया और जीआई टैग हासिल किया तो इससे जुड़े लोगों की आजीविका में सुधार की उम्मीद जगी है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से वाराणसी में 16 से 21 अक्तूबर तक उत्तर भारत जीआई महोत्सव आयोजित किया गया। जिसमें उत्तर भारत के 11 राज्यों की ओर से 100 जीआई उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। उत्तराखंड ने जीआई पंजीकृत कुमाऊं च्यूरा ऑयल, मुनस्यारी राजमा, भोटिया दन, ऐपण, रिंगाल क्राफ्ट, ताम्र उत्पाद व थुलमा समेत अन्य उत्पाद प्रदर्शित किए। इसके अलावा तांबे की गागर औऱ एपण प्रिंट के बर्तन भी खूब सराहे गए। उद्योग निदेशक सुधीर नौटियाल ने बताया कि महोत्सव में जीआई उत्पादों में बेरीनाग चाय, ऐपण और च्यूरा ऑयल को लोगों ने खूब सराहा। प्रदर्शन में उत्तराखंड ने पूरे उत्तर भारत में पहला स्थान हासिल किया है।

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