पहाड़ की आवाज, नेगी दा को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, उपराष्ट्रपति नायडू ने किया सम्मानित
Delhi: सुर सम्राट के नाम से मशहूर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा। नेगी के साथ कला और (Narendra Singh Negi Receives Sangeet Natak Academy Awards) साहित्य जगत की 44 अन्य हस्तियों को भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया। नेगी को यह सम्मान मिलने से देवभूमि उत्तराखंड के लोगों में उत्साह है।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी अपनी सुरीली आवाज और गीतों के बोल के जरिए देश दुनिया को पहाड़ से रू ब रू करवा रहे हैं। राजनीति से लेकर, उत्तराखंड आंदोलन, बेरोजगारी, पर्यावरण, महिला सशक्तीकरण पहाड़ का ऐसा कोई मुद्दा नहीं, जिस पर नरेंद्र सिंह नेगी ने गीत न लिखे हों। संगीत जगत में उल्लेकीय योगदान के लिए उन्हें 2018 का संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार आज प्रदान किया गया। पुरस्कारों के लिए पारंपरिक लोक संगीत के क्षेत्र में दस कलाकारों का चयन किया गया, जिनमें नरेंद्र सिंह नेगी भी शामिल हैं। इस सम्मान के तहत उन्हें एक लाख की राशि, अंगवस्त्र और ताम्रपत्र भी दिया जाएगा। नरेंद्र सिंह को यह सम्मान मिलने पर उनके देश विदेश में बसे प्रशंसको में खुशी की लहर है।
नरेंद्र सिंह नेगी का जन्म 12 अगस्त 1949 में पौड़ी जिले में हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई के बाद अपना करियर भी पौड़ी से ही शुरू किया। पढ़ाई खत्म करने के बाद नेगी ने अपने बड़े भाई से तबला सीखा और 1974 में उन्होने पहला गीत लिखा और कंपोज किया। आकाशवाणी लखनऊ से इनका गाया पहला लोकगीत 1976 में प्रसारित हुआ था। यहां से नेगी की संगीत यात्रा का आगाज हुआ और आज 46 साल बाद भी ये सुर यात्रा अनवरत जारी है। वीडियो एल्बम और गढ़वाली फिल्मों के गीतों के साथ नेगी एक हजार से ज्यादा गीत लिख चुके हैं, गा चुके हैं। कई फिल्मों में संगीत भी दे चुके हैं।