पौड़ी में वनाग्नि से हाहाकार, इंडोर स्टेडियम का हॉस्टल जला, चारों तरफ धुएं का गुबार, आग बुझाने पहुंचा वायुसेना का Mi17 चॉपर
PAURI: बीते 48 घंटों में वनाग्नि से पौड़ी जिले में हाहा कार मचा है। चारों तरफ दंगलों में आग की ऊंची लपटों और धुएं के गुबार से दहशत का माहौल है। रविवार को आग की लपटें कंडोलिया इंडोर स्टेडियम और हॉस्टल तक पहुंच गई जिससे हॉस्टल को खासा नुकसान हुआ है। स्थानीय लोगों और आग बुझाने वाले कार्मिकों को धुएं से काफी परेशानी हो रही है। इस बीच आग बुझाने के लिए वायुसेना के एमआई 17 हेलिकॉप्टर की मदद ली जा रही है। चॉपर श्रीनगर पहुंच चुका है, लेकिन धुएं के कारण उड़ान नहीं भर पा रहा है। अधिकारियों की माने तो धुए का गुबार हटते ही वायुसेना एमआई-17 हेलीकॉप्टर से अपना मिशन शुरू करेगी।
बीते दो दिनों से पौड़ी के जंगलो में लगी आग धीरे-धीरे शहरी क्षेत्र तक पहुंच रही है। धू-धू कर जल रहे जंगलों के चलते धुंध ही धुंध छाई रही। रविवार को टेका रोड के बाद आग का भयावह रूप नागदेव के जंगलों में भी देखने को मिला। देखते ही देखते विकराल रूप ले चुकी यह आग कमिश्नर आवास के समीप तक पहुंची। इसी से सटे क्षेत्र में कुछ दूरी पर एसएसबी के भवन भी हैं। इस दौरान दमकल, वन, राजस्व, पुलिस विभाग के कार्मिक आग बुझाने की कवायद में जुटे रहे। पौड़ी के कंडोलिया से सटे खेल विभाग के छात्रावास तक रविवार की सायं को जंगलों की आ धमकी। इससे आग हास्टल के एक कक्ष तक पहुंच गई। आग से हास्टल के एक कमरे में दो बेड जल गए। गनीमत रही की कोई बड़ी घटना नहीं हुई। स्थानीय लोगों और कर्मचारियों की सूझबूझ से बच्चों को सुरक्षित हॉस्टल से बाहर निकाला गया लेकिन तब तक बच्चों का स्पोर्ट्स सामान और कुछ दस्तावेज दावानल में जलकर खाक हो गए। इसके अलावा खिरसू, बुघाणी, चौरास के जंगलों में भी आग कातांडव देखा जा सकता है।
उत्तराखंड में इस फायर सीजन में अब तक 910 घटनाओं में 1144 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। अब तक जंगल में आग लगाने पर वन अपराध के तहत कुल 351 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 61 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।