राज्य आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण विधेयक को राजभवन की मंजूरी, CM ने जताई खुशी

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Dehradun: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के लिए रक्षाबंधन से पहले बड़ी खुशखबरी आई है। राज्यपाल ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को की मंजूरी दे दी है। इसी साल फरवरी में धामी सरकार ने प्रवर समिति की सिफारिशों को मानते हुए विधेयक को कुछ संशोधन के बाद राजभवन भेजा था। विधेयक को राजभवन की मंजूरी मिलने पर मुख्य्मंत्री पुष्कर धामी ने प्रसन्नता व्यक्त की है।

विधेयक को मंजूरी मिलने से 11 हजार से अधिक राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए राज्यपाल का आभार जताया है। उन्होंने कहा, सरकार राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती। उन्हें सुविधाएं देना शीर्ष प्राथमिकता में है।

चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों या उनके एक आश्रित सदस्य को सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिले इसके लिए सरकार ने 8 सितंबर 2023 को सदन में विधेयक पेश किया था, लेकिन कुछ सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों में कुछ संशोधन के लिए इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी। सदस्यों की मांग पर स्पीकर ने विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया था।

6 फरवरी 2024 को विधेयक प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए पारित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में इस मसले पर राजभवन में बात की थी। जिसके बाद अब विधेयक को मंजूरी मिली है। विधेयक को मंजूरी मिलने से राज्य आंदोलनकारियों के चेहरे खिल गए हैं। उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों से वे इस लाभ से वंचित थे। हाईकोर्ट ने मार्च 2018 में राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।

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