उपचुनाव: दल बदल-पैराशूट प्रत्याशी की हार, मंगलौर में काजी, बदरीनाथ में बुटोला बने कांग्रेस के खेवनहार

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DEHRADUN:  उत्तराखंड की बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। सत्ताधारी भाजपा को दोनों सीटों पर झटका लगा है। मंगलौर में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने भाजपा के करतार सिंह भड़ाना को 422 वोटों के करीबी अंतर से हराया, जबकि बदरीनाथ में कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को 5095 वोटों से परास्त कर दिया। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में भाजपा की यह पहली चुनावी हार है।

उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा पहली बार मंगलौर विधानसभा सीट पर जीत की उम्मीद से उतरी थी। हरिद्वार जिले की यह मुस्लिम बहुल सीट भाजपा लिए हमेशा से अभेद दुर्ग रही है। यहां अब तक हुए सभी चुनावों में पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और इस बाद भी अभेद दुर्ग को फतह करने के इरादे और नई रणनीति के साथ मैदान में उतरी भाजपा को फिर हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने करतार सिंह भड़ाना के रूप में प्रत्याशी इंपोर्ट किया था बावजूद इसके उसे हार मिली। संतोष की बात ये है कि अब तक यहां तीसरे नंबर पर रहती भाजपा ने इस बार कांटे की टक्कर दी। कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को 31727 वोट मिले, भाजपा के करतार भड़ाना को 31305 वोट मिले जबकि बसपा के उबैदुर्र रहमान को 19559 मत प्राप्त हुए। मतदान के दिन चुनावी हिंसा हुई थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा ने जीत के लि एयहां एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। पहले 6 राउंड तक अच्छी खासी बढ़त हासिल कर चुकी कांग्रेस की अंतिम समय में धड़कनें बढ़ गई। 9वें राउंड के बाद तो फासदा महज 93 वोट का रह गया था, लेकिन गणना पूरी होते होते कांग्रेस 422 वोटों का विजयी अंतर बनाने में कामयाब रही।

वहीं बदरीनाथ विधानसभा सीट पर भी भाजपा को झटका लगा है। यहां कांग्रेस के लखपत बुटोला ने भाजपा के राजेंद्र भंडारी को 5095 वोटों से परास्त कर दिया। बुटोला को कुल 28161 वोट मिले जबकि राजेंद्र भंडारी को 22937 वोट मिले। इस हार के साथ भंडारी के सियासी भविष्य पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं। बता दें कि राजेंद्र भंडारी बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था, जिसके बाद विधायकी छोड़नी पड़ी थी। कांग्रेस ने एक ताजा चेहरा मैदान में उतारा था जिसका उसको बखूबी फायदा मिला। बदरीनाथ विधानसभा में बदरीनाथ धाम का मास्चर प्लान, जोशीमठ भू धंसाव आपदा, हेलंग में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, ऐसे कई स्थानीय मुद्दे थे जिन पर जनता की सरकार से गहरी नाराजगी रही।

 

 

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