हल्द्वानी को सीएम धामी ने दी करोड़ों की सौगात, हल्द्वानी STP, लीगेसी बेस प्लांट का शुभारंभ किया, घोषणाओं की झड़ी लगाई
HALDWANI: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी करोड़ों की योजनाओं की सौगात दी है। सीएम ने 35.58 करोड़ रुपए की लागत से बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और तीन करोड़ की लागत से बने लिगेसी बेस प्लांट का लोकार्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी लोकार्पण के बाद सभा को संबोधित करते हुए हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के ज़ू बनाए जाने के लिए बजट दिए जाने की घोषणा की।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नमामि गंगे की कल्पना की गई थी वह धरातल पर साकार हो रही हैं। उन्होंने कहा गंगा नदी के साथ ही प्रदेश की सभी नदियों का प्रदूषण को समाप्त करने और नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए योजना प्रारम्भ की गई है। उन्होंने कहा प्रदेश का अमृत योजना के तहत सबसे बडा सीवर प्लांट हल्द्वानी शहर में प्रारम्भ हो जाने से गौलानदी को प्रदूषण से बचाया जा सकेगा वही सीवर का प्रयोग जैविक खाद के रूप में किसानों द्वारा उपयोग मे लाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह प्लांट भविष्य में मील का पत्थर साबित
सीएम ने की ये घोषणाएं
मुख्यमंत्री धामी ने देवभूमि को ड्रग्स फ्री करने के अभियान में हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र खोलने की घोषणा की। इसके अलावा सीएम ने सुशीला तिवारी अस्पताल में आधुनिक कैथलैब स्थापना की घोषणा की। सीएम ने कहा कि कैथलैब खुलने से हृदय रोगियों को आसानी से इलाज मिल सकेगा। मुख्यंमत्री ने गौलापार क्षतिग्रस्त नहर के जीर्णोद्धार हेतु धनराशि आवंटित करने की घोषणा के साथ ही लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में विद्युत पोल, नई लाईनों एव ट्रांसफार्मरों आदि के लिए धनराशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने लालकुआं बंगाली कॉलोनी एवं हाथीखाना हेतु पेयजल एवं विद्युत हेतु डीपीआर बनाने के साथ ही धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा की।
गौला संघर्ष समिति ने किया विरोध
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हल्द्वानी पहुंचने से पहले पुलिस ने विरोध कर रहे गौला संघर्ष समिति के पदाधिकारियों और कुछ वाहन स्वामियों को पकड़ लिया। चोरगलिया रोड से यह लोग सीएम के कार्यक्रम स्थल की और जा रहे थे। यूथ कांग्रेसियों ने भी मुख्यमंत्री कार्यक्रम का विरोध किया, जिन्हें पुलिस ने दबोच लिया। गौला नदी में अभी तक 108 कुंतल उपखनिज की निकासी थी। लेकिन वन निगम ने सिर्फ क्रशर संचालकों के कहने पर ओवरलोड की अनुमति जारी कर दी। जिसे लेकर गाड़ी मालिकों में आक्रोश है। उनका कहना है कि ज्यादा वजन भरने के चक्कर में नदी में अराजकता का माहौल पैदा होगा।