जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की CM ने की समीक्षा, जल रिसाव की प्राथमिक रिपोर्ट आई

Share this news

DEHRADUN:  मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने जोशीमठ भू धंसाव के बाद वहां किए जा रहे राहत कार्यों की अधिकारियों के साथ समीक्षा की। सीएम ने कहा कि भू-धसांव के कारणों को लेकर सभी तकनीकी संस्थानों एवं वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आते ही आगे की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। जोशीमठ के भूधंसाव क्षेत्र के अध्ययन की फाइनल रिपोर्ट के बाद ट्रीटमेंट के कार्य तेजी से सुनिश्चित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं। जिलाधिकारी चमोली स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर शासन को रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जिन लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनको सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के जिन शहरों में समुचित ड्रेनेज प्लान एवं सीवर सिस्टम नहीं हैं, उनमें ड्रेनेज एवं सीवर सिस्टम के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाई जाए। शहरों को श्रेणीवार चिन्हित किया जाए।

समीक्षा बैठक से पहले सीएम धामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। और जोशीमठ में भू धंसाव से उत्पन्न हालात की विस्तृत जानकारी दी थी। सीएम ने गृहमंत्री से आपदा राहत के रूप में केंद्रीय सहायता देने का अनुरोध किया। शाह ने प्रभावितों की आवश्यक मदद का आश्वासन दिया।

जल रिसाव की प्राथमिक रिपोर्ट आई

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिंन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय जल विज्ञान (एनआईएच) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जोशीमठ में रिस रहा पानी और एनटीपीसी परियोजना के टनल का पानी अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि अन्य केन्द्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट एवं एनआईएच की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पायेगी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र के 258 परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया है, उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में पानी का डिस्चार्ज एवं सिल्ट दोनों काफी तेजी से कम हुआ है।

जोशीमठ में अभी तक 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है, जिसकी अनुमानित जनसंख्या 25000 है। पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 हैं। उसमें से 849 भवनों में चौड़ी दरारें मिल चुकी हैं। अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं। सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरंतर बढ़ रहे हैं।

नृसिंह मंदिर में गतिविधियों पर रोक

भू धंसाव से जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में भी दरारें बढ़ने लगी हैं। बद्री केदार मंदिर समिति ने इसे देखते हु एमंदिर परिसर में अग्रिम आदेश तक  किसी भी प्रकार के आयोजन या गतिविधियों पर रोक लगा दी है। मीडिया को भी कवरेज के लिए परमिशन लेनी होगी। बिना अनुमति के मंदिर परिसर में जाना निषेध है।

(Visited 101 times, 1 visits today)

You Might Be Interested In