बॉबी पंवार का आरोप, UJVNL में अवैध तरीके से हुई कई भर्तियां, अवैध नियुक्ति पाने वालों को दिए गए मलाईदार पद

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Dehradun : बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने ऊर्जा विभाग की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार  का खुलासा किया है। बॉबी पंवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियां की गई। जिनीक फर्जी नियुक्ति हुई उनको ही मलाईदार पदों पर बैठाया गया। और ये सब अधिकारियों की मिलीभगत के कारण हुआ।

बॉबी पंवार ने कहा कि ये काला खेल 2001 से ही चल रहा है। बॉबी पंवार ने कहा कि यूपीसीएल और पिटकुल के लिए एई और जेई की भर्तियां हुई थी, जिसकी विज्ञप्ति निकली थी। लेकिन यूजेवीएनएल ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए विज्ञप्ति के बजाए बैकडोर भर्ती का रास्ता चुना। यूजेवीएनएल ने यूपीसीएल की भर्ती में बाहर हुए अभ्यर्थियों के साथ साथ कई ऐसे अभ्यर्थियों को एई औऱ जेई पद पर नियुक्ति दे दी जो परीक्षा में शामिल भी नहीं हुए थे।

आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के हवाले से बॉबी पंवार ने खुलासा किया कि यूजेवीएनएल ने 2005 में अधिशासी अभियंता की 2 पोस्ट निकाली। कुल 7 लोग साक्षात्कार के लिए उपलब्ध हुए जिनमें से राजीव कुमार सावन औऱ सुजीत कुमार को एक्सेन पद पर सेलेक्ट किया गया। इसके बाद यूजेवीएनएल ने बिना अलग विज्ञप्ति के साक्षात्कार में बाकी बचे 5 कैंडिडेट में से दो को सहायक अभियंता पद पर भी चयनित कर दिया। नियुक्ति के 6 माह बाद राजीव कुमार ने अधिशासी अभियंता पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे ये पद खाली हो गया। लेकिन यूजेवीएनएल ने सुनील कुमार जोशी नाम के कैंडिडेट को बिना विज्ञापन, बिना परीक्षा के पद पर नियुक्त कर दिया। और वर्तमान में उसी शख्स को लखवाड़ व्यासी परियोजना का जीएम बनाया गया है।

बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि एई और जेई पदों पर फर्जी तरीके से नियुक्त हुए करीब 30 लोग आज जीएम पद पर पहुंच गए हैं। बॉबी पंवार का कहना है कि इन्हीं सब बातों को लेकर वो ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम से मिलने पहुंचे थे, लेकिन सुंदरम ने उन पर ही मारपीट का झूठा आरोप लगा दिया। बॉबी पंवार का कहना है कि फर्जी नियुक्ति पाने वालों को जीएम, डायरेक्टर जैसे बड़े पद सौंपने का खेल बिना लेन देन के संभव नहीं है। और ये खेल खुलेआम चल रहा है। ये सब आईएएश अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता।

बॉबी पंवार ने मांग की कि अवैध तरीके से नियुक्ति पाने वालों की सीबीआई जांच होनी चाहिए और ऐसे अधिकारियों और इनको संरक्षण देने वालों की संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए।

 

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