खबर का असर: कृषि मंत्री के कानों तक पहुंची आवाज, उद्यान निदेशक हरमिंदर बवेजा के भ्रष्टाचार के खिलाफ बिठाई जांच
Dehradun: कृषि मंत्री गणेश जोशी ने उद्यान विभाग के निदेशक डॉ हरमिन्दर सिंह बावेजा के खिलाफ जांच बिठा दी है। बवेजा के खिलाफ लगातार मिल रही अनियमितताओं की शिकायत पर कृषि मंत्री ने ये कदम उठाया है। देवभूमि डायलॉग ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था,जिसके बाद कृषि मंत्री ने कृषि सचिव वी. बी.आर.सी पुरुषोत्तम को अनियमितताओं की जांच के लिए जाँच अधिकारी किया है। और 15 दिन के भीतर जाँच आख्या पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के उपरांत ही आगे की कार्यवाही की जाएगी, जो दोषी पाए जाते हैं उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा। पुष्कर सिंह धामी सरकार में किसी भी प्रकार की अनियमिताएं बर्दाश्त नहीं की जाएँगी और तथ्यों की पुष्टि के उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
बता दें कि उद्यान निदेशालय के निदेशक डॉ हरमिन्दर सिंह बवेजा पर निदेशक के पद का दुरुपयोग करने के आरोप लग रहे हैं। कई आरटीआई के जवाब में ये साबित हुआ है की निदेशक बवेजा ने पद का दुरुपयोग करते हुए न सिर्फ नियमों में हेर फेर किया बल्कि खराब गुणवत्ता की पौध और बीज की खरीद भी की है। इससे किसानों का तो नुकसान हुआ ही है, विभाग के खजाने पर भी असर पड़ा है। कीवी की पौध को ऊँची दरों पर खरीदना, किसानों को खराब गुणवत्ता के बीजू उपलब्ध कराना, अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों के नाम पर तय खर्च सीमा से कई गुना ज्यादा बजट उड़ाना जैसी कारगुजारिओं को देवभूमि डायलॉग ने प्रमुखता से दर्शकों के सामने रखा है। हमने कई बार बवेजा साहब से उनका पक्ष जानने की कोशिश भी की लेकिन उन्होंने व्यस्तता के हवाला देकर टिप्पणी से इनकार कर दिया। बवेजा की मनमर्जी के खिकाफ RTI कार्यकर्ता दीपक करगेती 10 दिन से अनशन पर है।
कृषि मंत्री के आदेशमे लिखा गया है,
उपरोक्त शिकायती पत्र पर मुख्यमंत्री द्वारा “तथ्यों का परीक्षण करायें। जांचोपरान्त यथोचित कार्यवाही” के निर्देश दिये गये हैं। उपरोक्त आरोपों के संबंध में वर्तमान में विभिन्न प्रकार के सोशल मीडिया पर भी निदेशक द्वारा की गयी अनियमितताओं के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे सरकार एवं विभाग की छवि धूमिल हो रही है। पूर्व में अधोहस्ताक्षरी द्वारा उक्त प्रकरण पर निदेशक के स्पष्टीकरण के आदेश दिये गये थे, जो आतिथि तक अप्राप्त है। जिस पर मंत्री जोशी ने जांच अधिकारी नामित कर 15 दिन के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।
बवेजा के ख़िलाफ़ हिमाचल में चार्जशीट दर्ज हो चुकी है बावजूद इसके उन्हें उद्यान निदेशक बनाये जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। बहरहाल कृषि मंत्री देर से सही जागे तो हैं। अब देखना होगा कि क्या ये जांच केवल साख बचाने के लिए होती है या बवेजा को हटाया जाता है।