UKPSC में भी 2018 से चल रहा है पेपर लीक का खेल! पटवारी परीक्षा के बाद जेई, एई और प्रवक्ता भर्ती में पेपर लीक की खबर

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DEHRADUN:  उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होना जैसे नियति सी बन गई है। लाख कोशिश कर लो ये लीकेज ठीक नहीं हो पा रहा। अधीनस्थ सेवा आयोग पीपेर लीक को लेकर विवादों में आया तो आयोग की परीक्षाऐं छीनकर लोकसेवा आयोग को परीक्षाएं कराने का जिम्मा दिया गया। लेकिन यूकेपीएससी भी अब पेपर लीक की उसी ‘लीक’ पर चल निकला है। गुरुवार को पटवारी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का खुलासा हुआ तो परतें खुलने लगी। अब आय़ोग द्वारा कराई गई तीन औऱ परीक्षाओं जेई, एई और प्रवक्ता भर्ती में पेपर लीक होने की बात सामने आ रही है।

दरअसल गुरुवार को पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले में आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया गया है। संजीव ने ही अपनी पत्नी केसाथ मिलकर ये पेपर लीक किया था। अब पूछताछ में संजीव ने कई और राज उगले हैं। नौकरियों का सौदागर संजीव चतुर्वेदी उत्तराखंड लोकसेवा आयोग में रहकर 2018 से भर्तियों में खेल करता आ रहा है। एसटीएफ की जांच में लेखपाल-पटवारी भर्ती के अलावा तीन अन्य भर्तियों के पेपर लीक कर बेचने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें जेई, एई और प्रवक्ता भर्तियां शामिल हैं। इनके पेपर के लिए संजीव ने 30 से 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए हैं। एसटीएफ इन भर्तियों में हुए खेल का भी जल्द खुलासा कर सकती है।

सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ की गिरफ्त में आते ही संजीव चतुर्वेदी ने अपने सारे काले कारनामे तोते की तरह उगल दिए। बताया कि उसने सिर्फ यही पेपर लीक नहीं कराया था बल्कि यह काम तो वह बीते चार साल से करता आ रहा है। जितना उसे याद था, उसमें से उसने तीन भर्तियों के नाम लिए। इनमें अवर अभियंता (जेई), सहायक अभियंता (एई) और प्रवक्ता भर्ती शामिल है। ये भर्तियां आयोग ने वर्ष 2021 में निकाली थीं। इनके रिजल्ट आ चुके हैं। एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन भर्तियों के पेपर उसने बड़े दाम लेकर आउट किए थे। इनमें एई के पेपर के लिए 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए गए। जबकि, जेई और प्रवक्ता के लिए प्रति अभ्यर्थी 30 से 35 लाख रुपये वसूल किए। एसटीएफ अब इन अभ्यर्थियों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है।

एसटीएफ 2018 से अब तक की सभी परीक्षाओं की जांच भी की जा रही है। एसटीएफ इसके लिए आयोग के अधिकारियों से संपर्क कर सभी का विवरण जुटा रही है।एसटीएफ ने अब तक अभ्यर्थियों की संख्या की भी तस्दीक कर ली है। जेई भर्ती में तीन अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। जबकि, एई के लिए पांच अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदा था। प्रवक्ता पद के लिए अब तक एसटीएफ तीन अभ्यर्थियों के नामों की पुष्टि कर चुकी है। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या और भी हो सकती है। यदि संख्या ज्यादा हुई तो एसटीएफ इन परीक्षाओं को रद्द करने के लिए भी पत्र भेज सकती है।

अब सवाल ये है कि अगर यूकेएसएसएससी पर परीक्षाएं कराने का संदेह था और जो परीक्षाएं यूकेपीएससी को दी गई, कम से कम वहां तो सतर्कता बरती जाती? कुल मिलाकर लीकेज के खेल से युवा अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि जब राज्य लोक सेवा आयोग जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की ओर से कराई जा रही परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आ रही है तो विश्वास करें तो किस पर।

 

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