धामी कैबिनेट के फैसले: जोशीमठ भू धंसाव प्रभावितों का बिजली पानी का बिल माफ, लोन में भी राहत, सख्त नकल विरोधी सख्त कानून बनेगा
DEHRADUN: भूधंसाव से संकट में घिरे जोशीमठ को बचाने के लिए धामी कैबिनेट ने बड़े फैसले लिए हैं। कैबिनेट ने भू धंसाव से प्रभावित लोगों का लोन एक साल तक माफ करने, बिजली पानी के बिल 6 माह तक माफ करने औऱ प्रभावितों के लिए किराया राशि को 4 हजार से बढ़ाकर 5000 करने का फैसला लिया है। राज्य सरकार जोशीमठ के प्रभावितों के लिए केंद्र से साहत पैकेज मांगेगी। इसके अलावा प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून बनाने पर कैबिनेट में चर्चा की गई।
कैबिनेट बैठक में जशीमठ भू धंसाव के लिए अब तक बड़े कारण के रूप में अलकनंदा नदी से जोशीमठ की तलहटी में हो रहे कटाव को आंका गया है। कैबिनेट ने प्रभावितों को बड़ी राहत देते हुए प्रभावितों द्वारा सहकारिता से लिए गए ऋण की किस्त एक साल के लिए माफ कर दी गई है। वहीं राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक लोन की किस्त को एक साल माफ करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा। भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने को पेपरलीक मामले में सख्त कानून लाएगी। इसे लेकर आज बैठक के दौरान चर्चा हुई।
कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
45 करोड़ की आर्थिक सहायता को कैबिनेट ने जारी करने की दी मंजूरी
जोशीमठ में राहत शिविरों को लेकर मानक तय
वास्तविक रेंट या 950 रुपए प्रतिदिन अधिकतम तय
450 रुपए खाने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन तय
पुनर्वास को लेकर कोटि फार्म, पीपलकोटी, गौचर, ढाक और एक अन्य स्थान चिन्हित
सरकार की ओऱ से दी जा रही किराया राशि को 4000 से बढ़ाकर 5000 किया गया।
भारत सरकार से एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज का प्रस्ताव भेजा जाएगा
विस्थापित परिवारों को जिंदगी बसर के लिए एसडीआरएफ की गाइडलाइन के अनुसार परिवार के दो व्यक्ति को मनरेगा के नियमानुसार मजदूरी दी जाएगी
पशुओं के लिए 15000 रुपये विस्थापन और 80 रुपए प्रतिदिन चारे के लिए तय
बिजली पानी के बिल नवंबर माह से अगले 6 महीने के लिए माफ
राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक लोन की किस्त को एक साल माफ करने के लिए केंद्र को भेजेंगे प्रस्ताव
सहकारिता से लिए गए ऋण की किस्त एक साल के लिए माफ
आपदा प्रबंधन विभाग पहाड़ी शहरों की धारण क्षमता की करेगी जांच
पेपरलीक मामले में सरकार सख्त कानून लाएगी सरकार
नकल विरोधी कानून में दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्रवधान किया जाएगा।
पेपर लीक या नकल कराने से अर्जित की गयी संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा।
यूकेपीएससी लेखपाल की परीक्षा को दोबारा आयोजित करेगा। जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी।
उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा, अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका बसों में टिकट माना जाएगा।