IMA PoP: देश को मिले 343 जांबाज सैन्य अफसर, उत्तराखंड के 42 कैडेट बने लेफ्टिनेंट
DEHRADUN: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में आयोजित पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करते ही 343 युवा कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही मित्र देशों के 29 कैडेट्स भी पास आउट हुए। पासिंग आउट परेड की सलामी इस बार श्रीलंका के सीडीएस जनरल डॉ. शिवेंद्र सिल्वा ने ली।
कड़ी सुरक्षा के बीच अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह आठ बजे परेड शुरू हुई। परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई। इसके बाद देश और विदेश के 372 कैडेट्स अफसर बनकर अपनी सेनाओं की मुख्य धारा में जुड़ गए। इनमें 343 अफसर भारतीय सेना को मिले। आईएमए की स्थापना के बाद से अब तक यहां से 65234 देशी एवं विदेशी कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं। वहीं, आईएमए के नाम अब तक 2914 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग देने का गौरव जुड़ गया है।
सैन्यधाम से निकले 42 कैडेट
वीर भूमि उत्तराखंड से हर साल आईएमएम में होने वाले पीओपी में बड़ी संख्या में युवा अफसर निकलते हैं। आबादी में अन्य प्रदेशों से काफी छोटा होने के बाद भी अफसर देने में उत्तराखंड अव्वल है। इस बार उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है। इस बार भी उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा कैडेट्स देने वाला राज्य बना है। उत्तर प्रदेश के 68 कैडेट्स पासआउट होकर अफसर बनें हैं। जबकि 42 कैडेट्स के साथ उत्तराखंड इस बार दूसरे स्थान पर है।
किन राज्यों से कितने कैडेट
इस बार आईएमए की पीओपी के बाद उत्तर प्रदेश के 68, उत्तराखंड के 42, राजस्थान के 34, महाराष्ट्र के 28, बिहार के 27, हरियाणा के 22, पंजाब के 20, हिमाचल प्रदेश के14, कर्नाटक के 11, जम्मू कश्मीर के 10, केरल और पश्चिम बंगाल के 9-9, दिल्ली-तमिलनाडु के 8-8, मध्य प्रदेश के 07, झारखंड और ओडिशा के 5-5, आंध्र प्रदेश के 04, छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ के 3-3, गुजरात के 02, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और मेघालय के एक-एक, नेपाल मूल (भारतीय सेना) के 4 कैरेट पास आउट हुए हैं।
गौरव यादव को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर
पासिंग आउट परेड में प्रशिक्षण के दौरान बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले जेंटलमैन कैडेट्स को भी अवार्ड दिया गया। प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर बीयूओ गौरव यादव को प्रदान किया गया। ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पाने वाले अधिकारी कैडेट के लिए स्वर्ण पदक बीयूओ गौरव यादव को प्रदान किया गया। ऑर्डर ऑफ मेरिट में दूसरे स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए रजत पदक बीयूओ सौरभ बधानी को प्रदान किया गया। जबकि कांस्य पदक बीयूओ आलोक सिंह को प्रदान किया गया।