केदारनाथ मार्ग में जारी है यात्रियों को बचाने का मिशन, रेस्क्यू टीमों को पत्थरों में दबा मिला एक शव

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KEDARNATH:  31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह जगह भूस्खलन से तबाही मची है। इसके कारण यात्रा मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन भी जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना के चॉपरके जरिए शुक्रवार शाम तक 7 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया है। इस बीच रेस्क्यू एजेंसियों ने थारू कैंप के निकट एक शव बरामद किया है।

बादल फटने की घटना के बाद अभी भी करीब 150 लोगों से संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है। माना जा रहा है कि यात्रा मार्ग पर 1500 से अधिक लोग अभी भी फंसे हो सकते हैं। एजेंसियों ने अब तक 6,980 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है।

दो दिन में 7 हजार लोगों के सफल रेस्क्यू के बाद एजेंसियों को लिनचोली के समीप थारू कैंप में रेस्क्यू एक शव मिला है। ये शव थारू कैंप के पास बड़े पत्थरो में दबा था, जिसके पास से दो मोबाइल व अन्य सामग्री प्राप्त हुई है। शव की पहचान शुभम कश्यप निवासी सहारपुर के रूप में हुई है। शव व प्राप्त सामग्री को चौकी लिनचोली के सुपुर्द किया गया। तत्पश्चात टीम द्वारा लापता लोगों की तलाश के लिए थारू कैंप, छोटी लिनचोली में सर्चिंग की गई। सर्चिंग के दौरान थारू कैंप में एक मोबाइल प्राप्त हुआ, जिसे चौकी लिनचोली के सुपुर्द कर दिया गया है।

रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम और वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगातार मिशन में जुटे हैं। एसडीआरएफ भी सोनप्रयाग से लेकर रामबाड़ तक पैदल मार्ग से यात्रियों को सकुशल निकाल रही है।   पैदल मार्ग के किनारे मंदाकिनी का जलस्तर बढ़ गया है जिससे नदी वाले छोर से अब रेस्क्यू संभव नहीं है। इसके बाद एसडीआरएफ पहाड़ी मार्ग से सुरक्षित रेस्क्यू की संभावना के लिए प्रयासरत है। एसडीआरएफ को त्रिजुगीनारायण, तोसी गांव, चिड़वासा में भी यात्रियों के फंसे होने की सूचना है जिनके रेस्क्यू के लिए टीमें रवाना कर दी गई हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली जिलाधिकारी (रुद्रप्रयाग) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रुद्रप्रयाग) से बात कर आपदा संबंधित राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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