
अपनी जगह स्थानीय लड़की को स्कूल में ध्याड़ी पर रखने वाली महिला हेड टीचर सस्पेंड
पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल क्यों है, इसकी बानगी पौड़ी जिले में देखने को मिली। यहां दूरस्थ क्षेत्र में तैनात एक महिला शिक्षिका ने स्कूल से गायब रहने का बहाना ढूंढ लिया। शिक्षिका ने अफनी जगह 2500 रुपए की मासिक ध्याड़ी पर गांव की ही एक लड़की को स्कूल में पढ़ाने रख दिया और खुद ड्यूटी से गायब रहने लगी। लेकिन जब शिक्षा विभाग की छापेमारी में शिक्षिका की जालसाजी पकड़ी गई तो उसके खिलाफ जांच के आदेश हुए। मामला शिक्षामंत्री तक पहुंचा तो शिक्षा मंत्री के आदेशों पर महिला टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है।
मामला पौड़ी के थैलीसैंण ब्लॉक का है। यहां के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बग्वाड़ी में शीतल रावत नाम की महिला प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात थी। लेकिन मैडम जी का मन दूरस्थ क्षेत्र को बच्चों के भविष्य संवारने पर कहां लग लगता। इसलिए स्कूल से गायब रहने का फॉर्मूला खोज निकाला। मैडम ने गांव की ही लड़की को अपनी जगह स्कूल में पढ़ाने रख दिया। इसके लिए लड़की को शिक्षिका 2500 रुपए मासिक देती थी। 20 सितंबर को शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज अचानक स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे प्रधानाध्यापिका शीतल रावत नदारद थी। उनकी जगह कोई और ही बच्चों को पढ़ा रहा था। इस मामले पर फौरन संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने टीचर का वेतन रोक दिया। स्कूल में छात्र छात्राओं के बयान लेने के पश्चात प्रथम दृष्टया इस बात की पुष्टि हुई है कि महिला प्रिंसिपल स्कूल से गायब रहती थी। दजब की बात ये है कि नदारद रहने के वाबजूद हाजिरी रजिस्टर में एक साथ महीने भर के साइन कर देती थी।
सोशल मीडिया पर मामला तूल पकड़ा तो बात शिक्षामंत्री धन सिंह रावत तक पहुंची। शिक्षा मंत्री ने महिला शिक्षिका को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। शिक्षा विभाग द्वारा आचरण नियमावली उल्लंघन उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना के चलते तत्काल प्रभाव से महिला शिक्षक शीतल रावत को सस्पेंड कर दिया गया है साथ ही कार्यालय उप शिक्षा अधिकारी विकासखंड थलीसैंण में अटैच कर दिया गया है निलंबन के दौरान गुजारा भत्ता करने के लिए उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा लेकिन उससे पहले उन्हें प्रमाण पत्र देना होगा कि उनकी आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है ।