मानसी नेगी प्रकरण पर खेलमंत्री को फेसबुक पर क्यों करने पड़े दावे, क्या है दावों का सच
DEHRADUN: एथलीट मानसी नेगी ने सोशल मीडिया पर जॉब की मांग को लेकर पोस्ट क्या की, खेल विभाग में हड़कंप मच गया। आनन फानन में खेलमंत्री को कागजी दावों के साथ उतरना पड़ा। लेकिन ऐसा लगता है खेल मंत्री जो दावा कर रही हैं, उसमें से कई बातें सच नहीं हैं।
देवभूमि डायलॉग ने मानसी नेगी से इस मसले पर विस्तार से बातचीत की। मानसी ने अपना दर्द बयां करते हुए एक ही बात दोहराई कि मुझे परिवार की जिमेदारी भी उठानी है और बिना नौकरी के ये संभव नहीं है। मानसी कहती हैं कि सरकार खिलाड़ियों के लिए जल्द से जल्द स्पोर्ट्स कोटा में जॉब निर्धारित करे।
दरअसल मानसी की पोस्ट वायरल होने के बाद शुक्रवार रात को खेलमंत्री रेखा आर्या फेसबुक पर लिखती हैं कि के यदि कोई खिलाड़ी पदक प्राप्त करता है तो उसका श्रेय उसी को ही जाता है लेकिन खेल विभाग खेल नीति के तहत हर उस खिलाड़ी को जो विभाग से संपर्क करते हैं अथवा संपर्क में आते हैं, ऐसे खिलाड़ियों को नियमों के तहत सहयोग करता है! मंत्री रेखा आर्या मानसी नेगी की फोटे के साथ दो दस्तावेज भी जारी करती हैं। जिनमें लिखा गया है कि मानसी को 3 अक्टूबर 2017 से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में चयनित किया गया है और तभी से उन्हें सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं।
मंत्री का यह दावा बिल्कुल झूठा है। मानसी नेगी ने देवभूमि डायलॉग को बताया कि 2018 में मेरा नेशनल मेडल आया और उसके बाद ही सरकार ने उनकी सुध ली। मानसी ने बताया कि वह अक्टूबर 2019 से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आई हैं। सवाल ये भी है कि खेल विभाग ने मानसी को 2 साल पहले ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में क्यों दिखाया? मानसी कहती हैं नेताओं के वादे और दावे तो कल बदल भी सकते हैं, लेकिन एथलीट को अपने करियर की चिंता करनी है। मानसी कहती हैं कि मुख्यमंत्री धामी ने भी कहा था कि स्पोर्ट्स कोटा के तहत सभी एथलीट को जॉब दी जाएगी। तब सरकार ने कैश रिवार्ड देने का जो वादा किया था, वो अभी तक नहीं मिला है। लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से एक लाख रुपए का नकद ईनाम उन्हें हाल ही में मिल चुका है।
खेलमंत्री ने एक और दावा किया है कि मानसी को 2018 से अब तक मेडल के लिए 2 लाख 35 हजार की राशि दी गई है। इस पर मानसी कहती हैं कि बेशक सरकार ने दिया है, इस तरह सोशल मीडिया पर पोस्ट करके एथलीट के मनोबल को गिराना सही नहीं है। मानसी कहती हैं कि कंपीटीशन में तैयारियों में बहत वक्त और संसाधन लगते हैं। आने जाने के लिए टिकट और अन्य चीजों का प्रबंध करना पड़ता है। बिल का भुगतान होने में कई बार साल दो साल लग जाते हैं। ऐसे में एथलीट को अपने खेल पर फोकस करने के साथ इनचीजों से जूझने में बड़ी मुश्किल होती है। मानसी कहती हैं कि 2022 में पिज्जा इटालिया ने शूज और टिकट के लिए स्पॉन्सर किया था। मानसी की एक ही गुहार है जल्द से जल्द स्पोर्ट्स कोटा से नौकरी का प्रबंध किया जाए। मानसी का कहना है कि जॉब लगने के बाद ही अपनी मां से मिलने घर जाऊंगी।