2015 दारोगा भर्ती घोटाले में बड़ा एक्शन, नकल करके भर्ती हुए ये 20 दारोगा सस्पेंड
DEHRADUN: साल 2015 में हुए दारोगा भर्ती घोटाले में पुलिस मुख्यालय ने बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस की जांच के बाद घूस देकर 2015 में भर्ती हुए 20 दरोगाओं को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। यूकेएसएसएसी भर्ती घोटालों की जांच में 2015 की दारोगा भर्ती में भी गड़बड़ी की बात सामने आई थी।
ये हैं निलंबित दारोगाओं के नाम…
साल 2015 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए 339 पदों पर दारोगा भर्ती हुई थी। भर्ती की परीक्षा की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर को दी गई थी। उस दौरान भी भर्ती में घपले के आरोप लगे थे, लेकिन सरकार की ओर से जांच न कराने के कारण मामला दब गया। साल 2022 में यूकेएसएसएससी भर्ती घोटालों की जांच में पंतनगर यूनिवर्सिटी का एक रिटायर्ड अधिकारी भी गिरफ्तार हुआ था, जिसके तार नकल माफिया हाकम सिंह रावत के साथ जुड़े। जांच में पता चला कि दोनों ने 2015 की दारोगा भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी करवाई गई थी। शुरुआती रिपोर्ट में यह सामने आया है कि 20 सब-इंस्पेक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने धोखाधड़ी और नकल नेटवर्क के साथ मिलकर यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी
8 अक्टूबर 2022 को विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर में मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में कुल 12 आरोपी हैं। एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिली है। जिसके बाद 20 दरोगा को सस्पेंड किया गया है।