STF ने किया फर्जी सिम और ओटीपी बेचने के खेल का भंडाफोड़, साउथ एशिया में 20 हजार सिम बेचने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार

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DEHRADUN: उत्तराखंड एसटीएफ  ने दक्षिण एशिया के थाईलैंड, कम्बोडिया, म्यामांर आदि देशों में साइबर ठगी के लिए 20 हजार से ज्यादा फर्जी सिम कार्ड बेचने और ओटीपी बेचनेवाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये सिम कॉर्टेल अन्तर्राष्ट्रीय साईबर अपराधियों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। एसटीएफ का दावा है कि देश में पहला इस तरह का गिरोह पकड़ा गया है जो कि फर्जी सिम कार्ड और ओटीपी बेचने का काम करते थे। STF  ने हरिद्वार के मंगलौर से एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त के कब्जे से 1816 सिम कार्डस, दो चेक बुक, 5 मोबाइल फोन व 2 बायोमैट्रिक डिवाइस बरामद की गई हैं।

फर्जी सिम कार्ड के साथ ओटीपी बेचता था आरोपी

गिरफ्तार अपराधी ने थाना मंगलौर क्षेत्र में घर घर जाकर कई महिलाओं को फर्जी सरकारी स्कीम अथवा कंपनी की ओर से कप का सेट देने का लालच देकर उनके आधार कार्ड आदि दस्तावेज व बायोमैट्रिक मशीन पर अंगूठा निशानी लेकर फर्जी तरीके से हजारों सिम कार्डस को एक्टिवेट किया। अभियुक्त ने फर्जी तरीके से प्राप्त इन हजारों सिम कार्ड को चाइनीज व कम्बोडिया से संचालित व्हाट्सएप ओटीपी ग्रुप के माध्यम से साइबर ठगों को तीन रुपये से लेकर 50 रुपये प्रति ओटीपी के हिसाब से बेचे। चाइनीज व कम्बोडिया से संचालित उक्त व्हाट्सएप ओटीपी ग्रुप के माध्यम से सुदूर विदेशों में बैठे अन्य अभियुक्तों के द्वारा इन भारतीय सिमों पर व्हाट्सएप व अन्य एप्लिकेशन्स एक्टिवेट कर व्हाट्सएप कॉलिंग कर या इंस्टाग्राम पर मासूम लोगों को अपने जाल में फंसा कर ट्रेडिंग/इन्वेस्टमेंट के नाम पर व अन्य लालच देकर पूरे भारतवर्ष में की जा साइबर ठगी हो रही थी।

ऐसे हुआ खुलासा

पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश भरणे ने बताया कि माह अप्रैल-2024 में माजरी माफी मोहकमपुर देहरादून निवासी एक शिकायतकर्ता की तहरीर के आधार पर थाना नेहरु कॉलोनी जनपद देहरादून पर दर्ज मुकदमे की विवेचना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुई थी।पीडित ने बताया कि वह पिछले आठ महीने से फेसबुक पर कथित कल्याणी निवासी चेन्नई नामक फेसबुक फ्रेंड के सम्पर्क में था जिसके द्वारा Metal Advisor का कार्य करना बताया गया था। और वह किसी वेबसाइट पर लोगों को पैसा इन्वेस्ट कर तीनगुना मुनाफा कमाने को कहती थी। उसके द्वारा फेसबुक पर कई ऐसी चैट के स्क्रीनशॉट डाले गये थे जिसमें लोगों ने तीन गुना फायदा होने की बात स्वीकार की गयी थी। उसके द्वारा कई महीनों तक नोटिस करने के बाद खुद भी इन्वेस्टमेंट करने का फैसला किया। जब लाखों रुपए जमा करन पर भी पीड़ित को रिटर्ननहीं मिला तो उसने सवाल जवाब किए। तब ठगों ने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया। मामले की शिकायत पर एसटीएफ ने विवेचना शुरू की तो घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों आदि की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया और प्राप्त डेटा का गहनता से विश्लेषण करते हुए एविडेंस हासिल किए। जांच में पत लगा कि घटना में प्रयुक्त कॉलिंग मोबाइल नम्बर धारक महिलाओं से घटना के मास्टर माइण्ड अभियुक्त द्वारा सरकारी स्कीम के तहत कप का सेट देने की बात कहकर उनका आधार कार्ड, फोटो व एक मशीन पर अंगूठे का निशान लिया था व उन्हें धोखे में रखकर व झूठ बोलकर उनकी आईडी पर सिम कार्ड निकलवाया गया है। जांच टीम ने घटना में संलिप्त मुख्य अभियुक्त को चिन्ह्ति किया गया एवं तलाश जारी करते हुये कई स्थानों पर दबिश दी गयी ।आखिरकार साइबर पुलिस टीम ने मुख्य अभियुक्त सोहिल (काल्पनिक नाम) निवासी मंगलौर जनपद हरिद्वार को गिरफ्तार किया गया। कब्जे से 1816 सिम कार्डस, दो चैक बुक, 5 मोबाइल फोन व 2 बायोमैट्रिक डिवाइस बरामद हुई।

अपराध का तरीका

साइबर अपराधियों द्वारा साइबर अपराध से बेखबर लोगों को झांसा देकर जाल में फंसाने के लिये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि पर पोस्ट / विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाईन ट्रेडिंग / इन्वेस्टमेण्ट की जानकारी देकर कम समय मे अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता है यहां तक की शुरुआत में छोटे इन्वेस्टमेण्ट में मुनाफे की रकम भी दी जाती है। इसके बाद लिंक के माध्यम से इन्वेस्टमेंट हेतु फर्जी वेबसाइट से जोडा जाता है जिसमें इनके नाम के बनाये गये फर्जी खातो/डैसबोर्ड में इन्वेस्ट की गयी धनराशि को मुनाफा सहित दिखायी जाती है जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता है और अधिक से अधिक इन्वेस्टमेण्ट कर मुनाफा कमाने का लालच देकर लाखों से करोडों रुपये की धोखाधडी को अंजाम दे दिया जाता है।

गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उसके द्वारा अपने कस्बे की कई महिलाओं को फर्जी सरकारी स्कीम अथवा कंपनी को ओर से कप का सेट देने का लालच देकर उनके आधार कार्ड आदि दस्तावेज व बायोमैट्रिक प्राप्त करके उन महिलाओं की आईडी पर फर्जी तरीके से धोखा देकर सिमकार्ड प्राप्त किये गये हैं और इन सिम कार्ड से मैं ओटीपी बायर को सिम कार्ड के जरिए ओटीपी बनाकर बेचता हूं। प्रत्येक सिम कार्ड के ओटीपी पर मुझे 3 रुपये  से लेकर 50 रुपये तक का मुनाफा होता है। उसके बाद मैं सिम कार्ड तथा मोबाइल को तोड़कर जला देता हूं। विवेचना से प्रकाश में आया है कि अभियुक्त द्वारा फर्जी तरीके से मोबाइल सिम कार्ड एक्टिवेट कर उसका ओटीपी अपने अन्य सहयोगियों को देकर व्हाट्सएप एक्टिवेट कराया गया है जिसके माध्यम से वादी से 50,000 की ठगी की गई है। तथा कई अन्य महिलाओं की आईडी पर  धोखाधड़ी से हजारों सिम कार्ड एक्टिवेट कर उनके व्हाट्सएप व अन्य एप्लीकेशंस के ओटीपी जनरेट कर चाइनीज व कम्बोडिया से संचालित व्हाट्सएप ओटीपी ग्रुप के माध्यम से अन्य अभियुक्तों को दिए गए जिनके द्वारा व्हाट्सएप कॉलिंग कर या इंस्टाग्राम पर मासूम लोगों को अपने जाल में फंसा कर इन्वेस्टमेंट के नाम पर व अन्य लालच देकर साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है।

 

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