पेरिस ओलंपिक: उत्तराखंड के चार एथलीट लक्ष्य सेन, अंकिता ध्यानी, परमजीत बिष्ट और सूरज पंवार दिखाएंगे अपनी पावर, मेडल की उम्मीद

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DEHRADUN: 33वें ओलंपिक खेलों की शुक्रवार 26 जुलाई से पेरिस में औपचारिक शुरुआत हो रही है। हालांकि कई प्रतियोगिताएं उद्घाटन समारोह से दो पहले शुरू हो चुकी हैं। पेरिस ओलंपिक में भारत के 117 एथलीट विभिन्न खेलों में प्रतिभाग कर रहे हैं। इस बार भारत को एक से ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद है। देवभूमि उत्तराखंड के भी चार एथलीट विभिन्न खेलों में मेडल के लिए दांव लगाते दिखेंगे। इनमें से 3 खिलाड़ी एथलेटिक्स और एक बैडमिंटन में अपना जलवा बिखेंरेंगे। आइये जानते हैं कि उत्तराखंड के वो कौन कौन से एथलीट हैं जिन पर सारी दुनिया की नजरें होंगी।

लक्ष्य सेन

भारत से स्टार शटलर लक्ष्य सेन से पेरिस ओलंपिक में उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश को पदक की उम्मीद है। लक्ष्य ने बर्मिंघम में कामनवेल्थ गेम्स-2022 में एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। पेरिस ओलंपिक के लिए भी लक्ष्य ने टाप-16 में जगह बनाकर क्वालीफाई किया है। अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य सेन 6 साल की उम्र में ही बैडमिंटन खेल रहे हैं। लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के अंतरराष्ट्रीय कोच होने के साथ ही उनके भी कोच हैं। लक्ष्य के दादा सीएल सेन भी बैडमिंटन खिलाड़ी रहे और बड़े भाई चिराग सेन भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। लक्ष्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई पदक जीत चुके हैं। इसके लिए उन्हें वर्ष 2022 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

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अंकिता ध्यानी

गढ़वाल के सुदूरवर्ती मेरुड़ा गांव की रहने वाली अंकिता ध्यानी का ये पहला ओलंपिक होगा। खेतों में दौड़ लगाने वाली अंकिता महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में पारुल चौधरी के साथ भारत के लिए ओलंपिक पदक की उम्मीदें जिंदा रखेंगी। अंकिता ने विश्व रैंकिंग कोटे के जरिये पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल किया। उन्होंने 5 हजार मीटर की दौड़ में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपनी रैकिंग में सुधार करते हुए 42वां स्थान प्राप्त किया। अंकिता ने पहली बार आठवीं कक्षा में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अंकिता ध्यानी ने 60वीं अंतर राज्यीय सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5000 हजार मीटर दौड़ में कांस्य पदक भी जीता था। इससे पहले अंकिता 2023 में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीत चुकी है। यही नहीं 5000 और 1500 मीटर की इवेंट में इंडियन ग्रैंड प्रिक्स में अंकिता को स्वर्ण मेडल भी मिला था। इसके साथ ही नेशनल फेडरेशन कप में भी अंकिता ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। अपने एथलेटिक्स करियर में अंकिता अब तक कुल 11 स्वर्ण सहित करीब 15 रजत और कांस्य पदक जीत चुकी है।

परमजीत बिष्ट

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वाक रेस में चमोली निवासी ओलिंपियन मनीष रावत के बाद अब वहीं के परमजीत सिंह बिष्ट पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम में नजर आएंगे। मंडल घाटी के खल्ला गांव निवासी परमजीत राजकीय इंटर कालेज बैरागना के पूर्व छात्र हैं। मौजूदा समय में परमजीत खेल कोटे से भारतीय नौसेना में सेवाएं दे रहे हैं। परमजीत ने जापान में आयोजित एशियन वाक रेस चैंपियनशिप में नौवां स्थान प्राप्त कर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। परमजीत ने खेल प्रशिक्षक गोपाल बिष्ट के निर्देशन में वर्ष 2017 में वाक रेस की तैयारी शुरू की थी। स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया के अंडर-17 व अंडर-19 आयु वर्ग के रिकार्ड भी परमजीत के नाम हैं। खेलो इंडिया में भी परमजीत ने स्वर्ण पदक जीता था।

सूरज पंवार

पैदल चाल मिक्स्ड मैराथन में इस बार टिहरी निवासी सूरज पंवार देश का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे। कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके सूरज ने वर्ष 2018 में यूथ ओलंपिक में 5,000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। सूरज यूथ ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2017 में थाइलैंड में आयोजित एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और वर्ष 2018 में इसी चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।

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