वापस लौटेगा पौराणिक हरिपुर का वैभव, सीएम धामी ने किया स्नान घाट, यमुनाघाट का शिलान्यास

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DEHRADUN:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड सहित समूचे देश के सनातनियों को बड़ा उपहार दिया है। उत्तराखंड के हरिपुर कालसी क्षेत्र में यमुना घाट के निर्माण की आधारशिला रखकर सीएम धामी ने सनातनियों की बर्षों पुरानी इच्छा को पूरा किया है। सीएम धामी ने यमुना तट पर हरिपुर (कालसी) में स्नान घाट/ यमुना घाट के निर्माण कार्य एवं लोक पंचायत द्वारा प्रस्तावित जमुना कृष्ण धाम (मंदिर) का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने जौनसार बावर के बॉलीबुड सिंगर अभिनव चौहान के भजन” हरिपुर में आंनद सजेगा” का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र के नव निर्माण का कार्य एक शुभ संकेत है। यह कार्य पौराणिक मान्यताओं को पुनर्जीवित करने एवं आध्यात्मिक, सनातन संस्कृति के नए अध्याय को लिखने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा हरिपुर क्षेत्र एक बड़ा तीर्थ स्थल हुआ करता था, यह क्षेत्र चार धाम यात्रा का भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र में यमुना जी के तट को विकसित कर एक नए तीर्थ स्थल के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। यह क्षेत्र हरिद्वार ऋषिकेश के भांति विश्व विख्यात हो इसके लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा मां यमुना के आशीर्वाद से भव्य घाट निर्माण का संकल्प पूरा होगा। धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताओं का हरिपुर स्थल सभी प्रदेश एवं देश वासियों की आस्था का केंद्र है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने हरिपुर धाम के यश को पुनर्स्थापित करने का जो संकल्प लिया है उसे शीघ्र ही सिद्धि तक पहुंचाएगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र यमुना, टोंस, नौरा और अमलवा के महासंगम का पवित्र स्थान है। इस स्थान में पूर्व की भांति ही यमुना जी की दिव्य व भव्य आरती का भी आयोजन नियमित रूप से होगा। उन्होंने कहा इस क्षेत्र में आने वाले लोग यहां की लोक संस्कृति के साथ हमारे आदर सम्मान को भी अपने साथ ले जाएंगे। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिपुर स्थित यमुना घाट पहुंच पूजा अर्चना कर प्रदेश की तरक्की एवं खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री यमुना आरती में भी सम्मिलित हुए ।

राज्य में धामी सरकार पहले ही धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़ा कानून लागू कर चुकी है तो वही, चारों धामों सहित कुमाऊं में मानसखंड कॉरिडोर को विकसित करने पर सीएम धामी का विशेष फोकस है।

हरिपुर का पौराणिक महत्व

हरिपुर तीर्थ क्षेत्र दो नहीं, तीन नहीं बल्कि चार नदियों का महासंगम है, जहां अशोक शिलालेख स्थित है, जहां वेद व्यास जी ने तपस्या की थी और जहां अश्वमेघ यज्ञ होने के प्रमाण आज भी मौजूद हैं। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के ऐसे स्थान को ‘कालसी’ के नाम से जाना जाता है। जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर का यह प्रवेश द्वार अब तक हाशिये पर था। हरिपुर के यमुना तट पर रामायण काल के इतिहास से जुड़ी यमुना, टौंस, नौरा व अमलावा समेत चार महत्वपूर्ण नदियों का संगम स्थल है।

 

 

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