हैवी ऑगर मशीन पर टिकी 40 जिंदगियां, शुरू हुई ड्रिलिंग, शाम तक मिल सकती है खुशखबरी

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UTTARKASHI : उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 40 मजदूरों की जिंदगी अब हैवा ऑगर मशीन पर टिकी है। रविवार को टनल में हुए भूस्खलन के बाद 40 मजदूर यहा फंस गए थे जिन्हें बचाने के लिए बाटाव एजेंसिया लगातार काम कर रही हैं। सुरंग की मिट्टी लगातार गिर रही है जिससे ऑगर मशीन से रास्ता बनान ही एकमात्र विकल्प रह गया है। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि आज गुरुवार रात या शुक्रवार सुबह तक मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

साधारण ऑगर मशीन के फेल हो जाने के बाद बुधवार को हैवी अर्थ ऑगर मशीन मंगाई गई, जिसने काम शुरू कर दिया है। सुबह मशीन के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया गया जिस पर मशीनको लगाया गया है। मशीन ने ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया है। सुरंग में आए मलबे में मशीन के जरिए पहला पाइप डाला जा चुका है। उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक ड्रिलिंग पूरी हो जाएगी जिसके बाद मजदूरों को इन्हीं पाइप के जरिए बाहर निकाला जाएगा।

राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन पुरानी मशीन से काफी एडवांस है, जो काफी स्पीड में काम करेगी। राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है। इसके साथ वायुसेना, थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है

उधर केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री वीके सिंह ने सिलक्यारा में साइट पर पहुंचकर निरीक्षण किया और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने हादसे की समीक्षा भी की। सुरंग दुर्घटनास्थल पर चल रहे बचाव अभियान पर सीएम धामी ने कहा कि मशीन इंस्टॉल हो गई है और वहां काम शुरू हो गया है। सभी एक-दूसरे के समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। स्थिति थोड़ी कठिन है। सभी लोगों से लगातार संपर्क हो रहा है और उनके लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी लोग सुरक्षित हैं।

 

 

 

 

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