स्वास्थ्य सचिव ने किया बद्रीनाथ यात्रा मार्ग का निरीक्षण, 20 दिन में सड़कें दुरुस्त करने के निर्देश

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CHAMOLI: 30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा 2025 को सुचारू, सुरक्षित, स्वस्थ और व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बद्रीनाथ धाम के नोडल अफसर, स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने मंगलवार को चमोली में चारधाम यात्रा की तैयारियों का व्यापक निरीक्षण दौरा किया। उन्होंने कमेड़ा से लेकर बद्रीनाथ तक के यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सुविधाओं, सड़कों की स्थिति, पार्किंग स्थलों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और रजिस्ट्रेशन व स्क्रीनिंग केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

 

डॉ. आर राजेश कुमार ने गौचर स्थित रजिस्ट्रेशन सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), मेला मैदान तथा कर्णप्रयाग स्थित ट्रॉमा सेंटर का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त दवाओं का भंडारण, डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता और साफ-सफाई की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयाँ, उपकरण और मेडिकल स्टाफ हर समय तैनात रहें। उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही चमोली जनपद में डायलिसिस मशीनें उपलब्ध करा दी जाएंगी जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि यदि किसी उपकरण या सुविधा की आवश्यकता हो तो संबंधित विभाग शासन को समय पर प्रस्ताव भेजे, ताकि संसाधन समय रहते उपलब्ध कराए जा सकें।

यात्रा मार्ग पर बनेंगे 20 एमआरपी और 50 स्क्रीनिंग सेंटर

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जानकारी दी कि आगामी यात्रा में श्रद्धालुओं की बेहतर स्क्रीनिंग और प्राथमिक उपचार के लिए कुल 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी) और 50 स्क्रीनिंग पॉइंट्स स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में जनपद में 3 एमआरपी और 5 स्क्रीनिंग पॉइंट्स कार्यरत हैं। इस बार 5 नए एमआरपी और कई अतिरिक्त स्क्रीनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जो विशेष रूप से यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं प्राथमिक उपचार के लिए होंगे।उन्होंने निर्देश दिए कि सभी एमआरपी एवं स्क्रीनिंग सेंटरों के माध्यम से 13 विभिन्न भाषाओं में तैयार की गई हेल्थ एडवाइजरी का वितरण अनिवार्य रूप से किया जाए। यह एडवाइजरी श्रद्धालुओं को ऊँचाई वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य जोखिम, कोविड-19 जैसी संभावित बीमारियों, खानपान और आवश्यक सावधानियों की जानकारी देगी।

सिरोबगड़ व कमेड़ा भूस्खलन जोन का निरीक्षण

चारधाम यात्रा की तैयारी के मद्देनज़र स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने रुद्रप्रयाग जनपद स्थित सिरोबगड़ और चमोली जनपद स्थित कमेड़ा भूस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों संवेदनशील क्षेत्रों में सड़क की जर्जर स्थिति और संभावित जोखिमों को देखते हुए कार्यदायी एजेंसियों को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिए कि लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कमेड़ा में 20 दिन के भीतर डामरीकरण कार्य पूर्ण करने और सिरोबगड़ में स्लाइडिंग जोन का स्थायी समाधान खोजने हेतु तत्काल प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान सचिव ने नंदप्रयाग के पार्थाडीप क्षेत्र में चारधाम यात्रा से पहले अस्थायी ट्रीटमेंट कार्य और मलबा निस्तारण का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है, जिसे 15 दिन के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।एनएच-07 के पागल नाला क्षेत्र में उन्होंने भूस्खलन जोन की विस्तृत जानकारी लेते हुए कार्यदायी संस्था को स्थायी समाधान हेतु रणनीति तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। वहीं जोगीधारा में बीआरओ को सड़क के बेस को मजबूती प्रदान करने एवं सुधार कार्य शीघ्र पूर्ण करने के आदेश दिए गए।

सरकार की प्राथमिकता है सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित चारधाम यात्रा

डॉ. आर राजेश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए आस्था, पर्यटन और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, और सरकार इसे पूरी गंभीरता से ले रही है। इसीलिए स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ सड़क, आपदा प्रबंधन, रजिस्ट्रेशन व्यवस्था और पर्यावरण संतुलन पर भी बराबर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई यात्रा संचालन में बाधा उत्पन्न कर सकती है, इसलिए सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराए जाएँ।

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