14.49 किमी भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग हुई आर-पार, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट में मिली बड़ी सफलता

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DEVPRAYAG:  ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर भारतीय रेलवे ने बड़ा इतिहास रचा है। देवप्रयाग के सौड़ से जनासू के बीच 14.49 किमी की देश की सबसे लंबी रेलवे टनल का सफलता से ब्रेक थ्रू पूरा हुआ है। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे।

125 किलोमीटर लंबे ऋषिकेश कर्णँप्रयाग रेल प्रोजेक्ट में यह एक बडी उपलब्धि मानी जा सकती है। इस प्रोजेक्ट में 104 किलोमीटर का हिस्सा टनल के भीतर से होकर गुजरना है। इसके लिए 17 सुरंगे बनाई जा रही हैं। जिनमे सबसे लंबी सुरंद देवप्रयाग से जनासू के बीच स्थित है जिसकी लंबाई 14.49 किलोमीटर है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से सुरंग स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। केंद्रीय रेलवे मंत्री ने सुरंग के सफल ब्रेकथ्रू पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को बधाई दी। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है और जल्द ही इस रेल लाइन पर संचालन शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह (देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक) 14.57 किलोमीटर लंबी रेलवे सुरंग उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि  पूरे भारत में सबसे लंबी सुरंग है।

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर यह पहली बार है जब देश के पहाड़ी इलाकों में रेल सुरंग बनाने के लिए टीबीएम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कहा कि 9.11 मीटर व्यास वाली इस सिंगल-शील्ड रॉक टीबीएम ने काम में जो तेजी और सटीकता दिखाई है, वह वैश्विक स्तर पर एक नया मापदंड स्थापित करती है। रेल मंत्री ने कहा कि  ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना उत्तराखंड के ऋषिकेश,  देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुरंग उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में एक अहम भूमिका निभाएगी। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी एक नई गति देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा और गति मिली है। देवप्रयाग-सोड़ से श्रीनगर जनासु तक की यह सुरंग तकनीकी दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि है और यह दिखाती है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हम विकास के कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे भी हो चुका है जल्द ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

 

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