अंकिता केस पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, सरकार बोली अंकिता केस में VIP गेस्ट के सबूत नहीं मिले
DEHRADUN: विधानसभा में अंकिता भंडारी हत्याकांड और बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। नेता प्रतिपक्ष, उपनेता प्रतिपक्ष, प्रीतम सिंह समेत सभी विपक्षी विधायकों ने अंकिता भंडारी केस के जरिए लचर कानून व्यवस्था पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उधर सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि अंकिता केस में जांच के दौरान अभी तक किसी वीआईपी गेस्ट के मौजूद होने का मामला प्रकाश में नहीं आया है।
सदन में शाम 4 बजे पाद नियम 58 के तहत अविलंबनीय लोक महत्व के विषयों पर काम रोककर चर्चा की गई। विपक्षी विधायकों ने प्रदेश में बढ़ते क्राइम रेट पर सरकार को कठघरे में खडा किया। विधायकों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यसैली पर सवाल उठाए। प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी ने अंकिता भंडारी केस में सवाल किया कि सरकार अंकिता भंडारी केस की जांच में लीपापोती कर रही है। क्राइम सीन से सबूत मिटाने के प्रयास किए गए हैं ताकि रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट को बचाया जा सके। विपक्षी विधायकों ने एक सुर में अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की। इस दौरान तिलकराज बेहड़, अनुपमा रावत, आदेश चौहान ने पुलिस के बर्ताव औऱ कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने की शिकायत भी अध्यक्षीय पीठ से की।
उधर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिए। अग्रवाल ने कहा कि अंकिता भंडारी केस की जांच में सरकार ने बेहत तेजी दिखआई है। रेगुलर पुलिस को मामला ट्रांसफर होते ही आरोपी गिरफ्तार किए गए। अग्रवाल ने कहा कि अंकिता केस में एसआईटी को रिजॉर्ट में घटना के वक्त किसी वीआईपी गेस्ट के रुके होने के सबूत नहीं मिले हैं। जांच में सामने आया कि रिजॉर्ट के वीआईपी सुइट में रुकने वाला हर गेस्ट वीआईपी कहा जाता है। अंकिता केस की सीबीआई जांच की मांग पर अग्रवाल ने कहा कि मामला हाईकोर्ट में चल रहा है, कोर्ट का जोभी आदेश आएगा सरकार उसका पालन करेगी।
केदार भंडारी केस पर सरकार ने कहा कि केदार भंडारी को चोरी के आरोप में अरेस्ट किया गया था। मामले की DIG स्तर से जांच चल रही है।