सीएम के चंपावत दौरे से बढ़ी हलचल, चंपावत से चुनाव लड़ सकते हैं सीएम धामी
Champawat: क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत से चुनाव लड़ेंगे? बात को तब औऱ जोर मिलने लगा जब सीएम धामी ने कुर्सी संभालने के बाद अपने पहले दौरे के लिए चंपावत को चुना। शुक्रवार को सीएम दो दिवसीय चंपावत दौरे पर हैं। यहां सीएम ने न सिर्फ जनसभा की, बल्कि निरीक्षण कार्य औऱ विश्वप्रसिद्ध पूर्णागिरी धामं के दर्शन भी किए। (after 2 days visit to constituency, CM Dhami may contest election from Champawat) सीएम ने यह कहकर साफ संदेश भी दे दिया है कि वे बार बार चंपावत आना चाहते हैं। आपको बता दें, कि चुनाव नतीजे आनेके फौरन बाद चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सबसे पहले कहा था कि वे सीएम धामी के लिए अपनी सीच छोड़ने को तैयार हैं।
शुक्रवार को सीएम धामी जैसे ही चंपावत पहुंचे, उनका भव्य स्वागत किया गया। सीएम की पारपंरकि सीट रही खटीमा से सटा होने के कारण चंपावत में उनके समर्थक बडी तादात में जुटे और उन्हें सुनने पहुंचे। बनबसा स्टेडियम में उन्होंने स्टेडियम के जीर्णोद्धार के लिए संकल्प दोहराया। इस दौरान पूरा स्टेडिय़म चंपावत ने भर दी हामी-पुष्कर धामी, पुष्कर धामी के नारों से गूंजता रहा। सीएम ने घोषणा की कि, टनकपुर से सितारगंज तक पूरी चार लेन सड़क का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। इसके बाद शाम को सीएम धामी ने टनकपुर के बूम स्थित शारदा घाट का औचक निरीक्षण किया एवं नदी से हो रहे भूमि कटाव का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को नदी से हो रहे कटाव रोकने हेतु तत्काल कार्रवाई करने की दिशा निर्देश दिए
दौरे के दूसरे दिन सीएम धामी स्थानीय विधायक कैलाश गहतोड़ के साथ पूर्णागिरी धाम के दर्शन को भी पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्णागिरि धाम में पेयजल की सुविधा हेतु लादीगाढ़ से पूर्णागिरी मंदिर तक “लिफ्ट पेयजल योजना” हेतु 4 करोड़ रुपए स्वीकृत किये जाने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत आवश्यक सभी सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा।
5 कारण, धामी खटीमा से लड़ सकते हैं चुनाव
- चंपावत विधानसभा क्षेत्र खटीमा से सटा हुआ
- दूसरी बार सीएम बनते ही सीएम का पहला दौरा चंपावत का रहा सीएम ने चंपावत के लिए कई घोषणाएं और विकास कार्यों का निरीक्षण किया।
3.चंपावत विधानसभा में सैन्य परिवारों के वोटरों की अच्छी तादात है, जो भाजपा को परंपरागत वोटर रहे हैं।
- खटीमा से सटा होने के कारण जातीय और क्षेत्रीय समीकरण यहां सीएम धामी के लिए फिट बैठते हैं
- विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सबसे पहले घोषणा कर दी थी कि वे धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं। इसके बाद धामी के सीएम बनते ही अचानक से चंपावत में भाजपा कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ गई।