CM धामी ने चारधाम यात्रियों के जत्थे को किया रवाना, चारधामों में यात्रियों की दैनिक संख्या पर लगा प्रतिबंध हटा
DEHRADUN/RISHIKESH: उत्तराखंड के विश्वप्रसिद्ध चारधामों की यात्रा का काउंडाउन शुरू हो चुका है। 22 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलन के साथ यात्रा शुरू हो जाएगी। गंगोत्री यमुनोतत्री धामों के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। उधर भगवान केदारनाथ की पंचमुखी वुग्रह डोली भी ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए निकल चुकी है। चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव ऋषिकेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना करके यात्रा का विधिवत उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि चारधामों में दर्शनार्थियों की संख्या को प्रत्येक धाम में प्रतिदिन के लिए सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। अब एक दिन में कितने भी यात्री दर्शन कर सकेंगे।
सीएम धामी के निर्देश के बाद प्रत्येक धाम में प्रतिदिन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के फैसले को वापस लिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए गए हैं कि यात्राकाल में रजिस्ट्रीकरण की ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रक्रिया पूर्ववत जारी रहेगी, क्योंकि यह व्यवस्था यात्रियों की ट्रैकिंग में मददगार साबित होती है। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा एवं भीड़ को नियंत्रित करने हेतु स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी। चारधाम यात्रा पर इस बार भारी भीड़ उमड़ने के आसार हैं, अभी तक लगभग 16 लाख लोगों ने चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है।
इससे पहले ऋषिकेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया और श्रद्धालुओं की बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा केदार, बदरी विशाल, माँ गंगोत्री और माँ यमनोत्री से प्रार्थना करता हूँ कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी चारधाम यात्रा हर्षोल्लास एवं धूमधाम से सकुशल संपन्न हो। सीएम ने कहा हमें पूर्ण विश्वास है कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा अपने पिछले सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी।
बाबा केदार चले निजधाम
भगवान केदारनाथ की डोली शुक्रवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से धाम के लिए रवाना हो गई है। इस अवसर पर सैकड़ों भक्त मौजूद रहे। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग भी मौजूद रहे। पूजा अर्चना के बाद डोली ने मंदिर की परिक्रमा की, जिसके बाद डोली रवाना हुई। शुक्रवार को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में विश्राम करेगी। 21 अप्रैल को डोली विभिन्न यात्रा पडावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।
22 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा, 23 अप्रैल को भगवान की डोली गौरीकुण्ड एवं 24 अप्रैल को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 25 अप्रैल को प्रातः 6 बजकर 20 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। मंदिर समिति ने बाबा केदार की डोली रवानगी के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है।