शीतकाल के लिए बंद हुए भू बैकुंठ बद्रीनाथ धाम के कपाट, चारधाम यात्रा का हुआ समापन, इस बार उमड़े रिकॉर्ड श्रद्धालु

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CHAMOLI:  विश्वप्रसिद्धभू बैकुंठ बद्रीनाथ धाम के कपाट आज विधि विधानव के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसी के साथ वर्ष 2022 की चारधाम यात्रा का समापन हो गया है। (Chardham yatra concludes as Badrinath dham portal closed) इस वर्ष बद्रीनाथ धाम में रिकॉर्ड साढ़े सत्रह लाख से ज्यादा तीर्थयात्री दर्शन को आए।

शनिवार को अपराह्न के समय माणा गांव की महिलाओं की ओर से तैयार किए गए घृत कंबल (घी में भिगोया ऊन का कंबल) को भगवान बद्रीनाथ को ओढ़ाया गया। उसके बाद ठीक तीन बजकर 55 मिनट पर शीतकाल के लिए आज बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए। रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बदरीनाथ धाम के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित किया और उद्धव व कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में लाया गया। धाम के कपाट बंद होने के मौके पर करीब 10000 तीर्थ यात्रियों ने बद्रीनाथ धाम की अंतिम पूजाओं में प्रतिभाग किया।

इस दौरान भगवान विष्णु का परम धाम सेना के बैंड की मधुर धुनों और बद्री विशाल के जयकारों से गुंजायमान रहा। कपाट बंद होने के बाद कुबेर और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति डोली बामणी गांव के लिए रवाना हुई। इस वर्ष कपाट बंद होने के मौके पर ज्योतिर्माठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज भी उपस्थित रहे। इस वर्ष बद्रीनाथ धाम में 17 लाख 60 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए, जो अब तक का रिकार्ड है।

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