बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के साथ चारधाम यात्रा का समापन, इस वर्ष 38 लाख यात्री पहुंचे बद्री केदार

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CHAMOLI: बद्रीनाथ धाम के कपाट शनिवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है। इसके साथ ही आज चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया। कपाट बंद होने के दिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के दर्शन किये। कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया। सिंह द्वार परिसर में गढ़वाल स्कॉट के बैंड की भक्तिमय धुनों से संपूर्ण बदरीनाथ धाम गुंजायमान हुआ। धाम जय बदरीविशाल के उदघोष से गूंज उठा।

बद्री केदार मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि पंच पूजाओं के पांचवें दिन शनिवार को रावल स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान किया था। उसके बाद उद्धव जी व कुबेर जी मंदिर प्रांगण में लाया गया। और दोपहर 3:33 बजे पर धाम के कपाट बंद कर दिए गए।

शुक्रवार को धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट और लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने मां लक्ष्मी की पूजा की और उन्हें कढ़ाही भोग लगाया। और आज धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, दिनेश डिमरी, श्रीराम डिमरी, विपुल डिमरी, विवेक थपलियाल आदि मौजूद रहे।

इस बार 38 लाख तीर्थयात्री आए बद्री-केदार

इस वर्ष बद्रीकेदार के दर्शनार्थियों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। कपाट बंद होने तक अठारह लाख चालीस हजार से अधिक तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे जबकि केदारनाथ में साढ़े 19 लाख यात्री

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