फिर ताजा हुई वरुणावत त्रासदी की खौफनाक यादें, गोफियारा क्षेत्र में वरुणावत से गिरे बडे बोल्डर, लोग सहमे
UTTARKASHI: करीब दो दशक पहले उत्तरकाशी शहर के ऊपर बसा वरुणावत पर्वत भूस्खलन के कारण सुर्खियों में रहा। भारी बारिश के बाद मंगलवार को वरुणावत त्रासदी के 21 साल पुराने जख्म ताजा हो गए जब वरुणावत पर्वत से रूक-रूककर बोल्डर गिरने लगे। घटना से अफरा तफरी मच गई और गोफियारा क्षेत्र में कई परिवार अपने घरों से बाहर निकल आए। मूसलाधार बारिश के साथ मलबा आने से गोफियारा क्षेत्र में सड़क पर खड़े दोपहिया वाहन मलबे में दब गए।
घटना के बाद डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों से अलर्ट रहने की अपील की। स्थानीय लोगों को आश्रमों, धर्मशालाओं में शिफ्ट कराया गया है। उत्तरकाशी से तेखला की ओर ट्रैफिक को जीरो जोन किया गया है, यातायात को मनेरा बाईपास की ओर से डायवर्ट किया गया है। पुलिस टीमें लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं। भूस्खलन औऱ बारिश के बीच एसडीआरएफ ने 6 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और स्थानीय लोगों को सतर्क करते हुए फंसे हुए वाहनों को निकाला।
बता दें कि 2003 में वरुणावत ले लगातार भूस्खलन से उत्तरकाशी सहम गया था। साल 2003 में अचानक ही इस पर्वत से जब भूस्खलन शुरू हुआ तो तीन से चार जोन में बोल्डर व मलबा गिरता था। भूस्खलन में भटवाड़ी रोड के कई बहुमंजिला भवन जमीदोंज हो गए थे। हालांकि 21 वर्ष के बीच में कई बार छोटी-मोटी पत्थर गिरने की घटनाएं हुईं, लेकिन मंगलवार रात के समय अचानक काफी देर तक दोबारा बोल्डर व भूस्खलन की घटना से लोग सहम गए हैं। यहां रहने वाले लोगों में भविष्य को लेकर चिंता है
उत्तरकाशी जिले में मूसलाधार बारिश से गोफियारा से लेकर पल्ला ज्ञानसू तक कई गाड़-गदेरे उफान पर आ गए। गोफियारा क्षेत्र में गदेरे के उफान पर आने से मलबे में दबे वाहनों को लोगों ने जेसीबी बुलाकर निकाला। बस अड्डे से लेकर ज्ञानसू तक जगह-जगह गंगोत्री हाईवे पर पानी भर गया।