जहां से मां गंगा का अस्तित्व शुरू होता है, वो तीर्थनगरी देवप्रयाग राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से कांग्रेस के बडे़ दिग्गज पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, यूकेडी के दिग्गज दिवाकर भट्ट विधायक रह चुके हैं। साल 2017 में बीजेपी ने युवा चेहरे पर दांव चला और विनोद कंडारी को मैदान में उतारा। मोदी लहर में दिवाकर औऱ मंत्री प्रसाद जैसे दिग्गजों को पछाड़ दिया ।
देवप्रयाग में इस बार विकास के नाम पर ऑल वेदर रोड और चारधाम रेल परियोजना जैसे प्रोजेक्ट हैं, तो विधायक की नाकामी और नमामि गंगे में देवप्रयाग की उपेक्षा बडा़ मुद्दा हैं। क्षेत्रीय लोगों की कई स्थानीय मुद्दों पर सरकार से नाराजगी है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर सब सहमत हैं। चाहे कट्टर कांग्रेसी भी हों, वो भी मोदी के फैन हैं।
देवभूमि डायलॉग जब देवप्रयाग संगम में लोगों की राय जानने पहुंचा तो यहां मिली जुली प्रतिक्रिया थी। देवस्थानम बोर्ड से नाराज पुरोहितों ने तो पीएम मोदी को ब्राह्मण विरोधी तक करार दे दिया। लेकिन अदिकतर लोगों का कहना है कि मोदी देश के लिए जरूरी हैं, प्रदेश के नेताओं को आईना दिखाना भी जरूरी है। यहां एक कट्टर पारिवारिक कांग्रेसी भी मोदी के फैन बन गए। और इसके पीछे कारण है, मोदी ने दुनियाभर में भारत का डंका बजाया है। लोगों की शिकायत है कि उनके विधायक ने उनको पांच साल में दर्शन नहीं दिए। उनेक चेले चपाटों ने विधायक को लोगों से दूर कर दिया।
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